भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्कर्ष ओडिशा कार्यक्रम को संबोधित किया, जहां उन्होंने उपस्थित लोगों को भारत की विभिन्न उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा, “मुझे जानकारी दी गई है कि यह ओडिशा के इतिहास का सबसे बड़ा निवेशक शिखर सम्मेलन है, जिसमें 5 से 6 गुना अधिक निवेशक शामिल हो रहे हैं। इसके लिए मैं ओडिशा सरकार को बधाई देता हूं। मेरा विश्वास है कि पूर्वी भारत देश के विकास का इंजन है, और ओडिशा इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब भारत का वैश्विक विकास में बड़ा योगदान था, तब पूर्वी भारत दक्षिण पूर्व एशिया के साथ व्यापार का मुख्य केंद्र था।” उन्होंने आगे कहा, “जनवरी 2025 की शुरुआत में ये मेरी ओडिशा की दूसरी यात्रा है। हाल ही में, मैंने प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में भाग लिया, और आज मैं उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव में मौजूद हूं। मैं ओडिशा के लोगों को बधाई देता हूं।” पीएम मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के भारत दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि ओडिशा उनके डीएनए का हिस्सा है। ओडिशा की एक सांस्कृतिक विरासत है, जो इसे दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ती है, और इस सदी में ओडिशा इस विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, “ओडिशा में हमारी सरकार नई संभावनाओं को विकसित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। यहां कई हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्रगति पर हैं। हमारी सरकार ओडिशा को उद्योगों का हब बनाने का प्रयास कर रही है। ओडिशा ब्लू इकोनॉमी में भी देश के शीर्ष राज्यों में शामिल हो रहा है। हम एक ऐसी सप्लाई चेन विकसित करेंगे, जो वैश्विक उतार-चढ़ाव से प्रभावित न हो। आज के समय में कोई भी उद्योग अत्याधुनिक तकनीक के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। हमारी सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
हमें पूरा विश्वास है कि ओडिशा समृद्ध होगा और इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। यहां हजारों वर्षों की हमारी समृद्ध संस्कृति विद्यमान है, जो विकास और विरासत का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करती है। हमने जी-20 सम्मेलन में विभिन्न तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए पर्यटन उद्योग से जुड़ी जानकारियों को साझा करने का प्रयास किया है। हमें इको-टूरिज्म का विस्तार करना है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज के समय में अनुसंधान और नवाचार की आवश्यकता है। सरकार एक जीवंत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने हेतु काम कर रही है और इसके लिए विशेष फंड भी स्थापित किया गया है। उद्योगों को आगे आकर सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए, यह हमारी अपेक्षा है।”
उन्होंने कहा, “आज बड़े निवेशक और कलाकार भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आप सभी विश्व यात्रा करते हैं और विभिन्न देशों के लोगों से मिलते हैं। आज, भारत को समझने की ललक बढ़ रही है, जिसका अनुभव आप सभी करते हैं। ओडिशा भारत को समझने के लिए एक आदर्श स्थान है, जिसमें हजारों वर्षों की विरासत और इतिहास समाहित है। आध्यात्मिकता, घने जंगल, पर्वत और महासागर—सभी कुछ एक ही स्थान पर अनुभव किया जा सकता है।
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