वैश्विक समझौते के तहत स्विस बैंक ने एक बार फिर भारत सहित 104 देशों के साथ 36 लाख खाते की जानकारी साझा की है। स्विस बैंक की तरफ से खाता रखने वाले की पहचान उनका देश टैक्स पहचान संख्या एकाउंट बैलेंस और कैपिटल इनकम की जानकारी समझौते में शामिल देशों के साथ साझा की जाती है। इस साल कजाखस्तान मालदीव और ओमान को इस सूची में शामिल किया गया है। आइए देखते है एक खास ..
स्विस बैंक ने भारत के साथ ऐनुअल ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन यानी सालाना आधार पर सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के तहत अकाउंट डिटेल्स का पांचवा सेट साझा यानी शेयर कर दिया है. स्विटजरलैंड ने 104 देशों के साथ लगभग 36 लाख वित्तीय खातों का विवरण शेयर कर दिया है जिसमें भारत का नाम भी शामिल है. आखिरकार स्विस बैंक ने कौन कौन सी जानकारी साझा की है । क्या इससे आतंकवाद को फंडिंग में मदद की जा रही थी। इस साल कजाखिस्तान और मालदीव और ओमान भी इस सूचि में शामिल है।
वैश्विक समझौते के तहत किन भारतीयों ने अपना पैसा स्विस बैंक में रखा है और कहां-कहां से ये रकम आई है, इसका ब्यौरा स्विस बैंक ने साझा किया. स्विस अधिकारियों ने बताया कि यह आदान-प्रदान पिछले महीने यानी सितंबर में हुआ. इससे पहले 11 अक्टूबर 2022 को स्विस बैंक ने भारत के साथ इसके नागरिकों के खातों की वित्तीय जानकारी शेयर की थी जो दोनों देशों के बीच साझा किया चौथा सेट था. स्विट्जरलैंड के जरिए अब सितंबर, 2024 में फिर से ऐसी जानकारियां साझा की जाएंगी.
स्विस बैंक के अधिकारियों ने बताया कि स्विट्जरलैंड और भारत के बीच इनफॉरमेशन का यह पांचवां सालाना एक्सचेंज है. भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किया गया नया विवरण सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित हैं, जिनमें कुछ लोगों, कॉरपोरेट और ट्रस्ट से जुड़े अकाउंट्स की जानकारी की गई है. साझा किए गए विवरण में पहचान, बैंक अकाउंट और वित्तीय जानकारी शामिल है. इसमें नाम, पता, निवास का देश और टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर के साथ ही रिपोर्टिंग वित्तीय संस्थान, अकाउंट बैलेंस और कैपिटल इनकम से जुड़ी जानकारी शामिल हैं.
अधिकारियों ने आदान-प्रदान के जरिये मिली जानकारी या किसी अन्य विवरण में शामिल रकम का खुलासा नहीं किया. इन्फॉरमेशन एक्सचेंज के कॉन्फिडेंशियल होने और इससे जुड़े नियमों और आगे की जांच पर इसके निगेटिव असर का हवाला देते हुए स्विस ऑफिसर्स ने ऐसा करने से मना किया है. उन्होंने कहा कि इस ब्योरे का इस्तेमाल टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और आंतकवाद के फंडिंग सहित अन्य अवैध और गलत कार्यों की जांच के लिए किया जाएगा. स्विस ऑफिसर इस जानकारी के आधार पर यह वेरिफाई कर पाएंगे कि क्या टैक्सपेयर्स ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में अपने फाइनेंशियल अकाउंट्स का सही डिक्लेरेशन दिया है.
स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन यानी (एफटीए) की ओर से सोमवार को जारी एक बयान के मुताबिक 104 देशों के साथ वित्तीय खातों का ब्योरा साझा किया गया है. इस साल कजाकिस्तान, मालदीव और ओमान को 101 देशों की पिछली सूची में जोड़ा गया. फाइनेंशियल अकाउंट्स की संख्या में करीब दो लाख की बढ़ोतरी हुई है. सूचना के स्वत: आदान-प्रदान यानी ऐनुअल ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन पर ग्लोबल क्राइटेरिया के ढांचे के भीतर ये जानकारी शेयर की गई हैं.
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