करीब 10 दिनों से उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग ढहने से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए 10 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है… लेकिन मजदूरों अभी तक सुरंग से बाहर नहीं आ पाए हैं… लेकिन इसी बीच सुरंग के अंदर का वीडियो भी पहली बार सामने आया है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग ढहने से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए 10 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है…. रेस्क्यू में जुटी एजेंसियों को 20 नवंबर को बड़ी सफलता मिली…. मजदूरों को पहली बार दाल, खिचड़ी भेजी गई… 6 इंच चौड़ी पाइप के जरिए बोतल में भरकर मजदूरों के लिए ये खाना भेजा गया… इसी बीच सुरंग के अंदर का वीडियो भी पहली बार सामने आया है… इसमें देखा जा सकता है कि मजदूर किन हालात में सुरंग में रह रहे हैं… इस दौरान रेस्क्यू में जुटे अधिकारियों ने वॉकी टॉकी के जरिए मजदूरों से बात भी की.
उत्तरकाशी टनल हादसा
जिंदगी और मौत की लड़ाई जारी
सुरंग में फंसे हैं 41 मजूदर
करीब 10 दिनों से सुंरग के अंदर 41 मजदूर जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं… उत्तरकाशी टनल हादसे ने हर किसी को परेशान कर दिया है. 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे के सिलक्यारा बैंड के पास सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से 200 मीटर अंदर तगड़ा भूस्खलन हुआ…. इस वजह से 41 मजदूर वहां पर फंसे हुए हैं… हालांकि उन तक खाना और ऑक्सीजन लगातार पहुंचाया जा रहा है…. हाल ही में टनल के अंदर से पहला वीडियो सामने आया है… इसमें फंसे हुए मजदूरों का हाल साफ नजर आ रहा है
इन मजदूरों की पहली वीडियो सामने आई है जिसमें देखा जा सकता है कि ये लोग किन हालातों में इस सुरंग में पिछले 10 दिनों से अपना समय काट रहे हैं… खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखने के लिए ये मजदूर अलग-अलग तरीके भी अपना रहे हैं… टनल के अंदर रेगुलर वॉक, योग और अपनों से बात करके ये मजदूर जैसे-तैसे अपने आप को जिंदा बचाए हुए हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की ओर से नियुक्त किए गए मनोचिकित्सक डॉ. अभिषेक शर्मा ने कहा, “हम लगातार संपर्क बनाए रखे हुए हैं. मनोबल बनाए रखने के लिए योग, पैदल चलने जैसी नियमित क्रियाएं और अपनों से बातचीत करके एक दूसरे को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया है.”
इन फंसे हुए मजदूरों में एक गब्बर सिंह नेगी भी हैं जो इस तरह की परिस्थिति का पहले भी सामना कर चुके हैं. इन सभी में सबसे बुजुर्ग होने के नाते वो इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि सभी का आत्मविश्वास बना रहे. जल्दी ही इन मजदूरों को मोबाइल और चार्जर मिलने की उम्मीद है, जिससे कि वो खुद को बिजी रख सकें… सबसे पहले सुरंग के अंदर मलबे में से एक छह इंच चौड़ी पाइपलाइन डाली गई, जिसके जरिए मजदूरों के लिए खाने में दलिया, खिचड़ी, केला, सेब और पानी भेजा गया था… इसी पाइप में एक कैमरा भी डाला गया, जिससे वीडियो सामने आया है.
टनल में फंसे मजदूर वहां पर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना तो कर ही रहे हैं.. लेकिन राहत की बात ये है कि उनके पास सुरंग के अंदर एक प्राकृतिक जल स्रोत है… डॉ. शर्मा ने कहा, “वे साधन संपन्न हैं, इस पानी को पीने और अन्य आवश्यकताओं के लिए भंडारण और उपयोग करने के लिए कंटेनरों का उपयोग कर रहे हैं… पानी को सुरक्षित बनाए रखने के लिए क्लोरीन की गोलियां भी दी गईं हैं.
फिलहाल मजदूर किसी तरह संघर्ष कर के अपनी जिंदगी को बचाने की कोशिश में जुटे हैं… वहीं प्रशासन की टीमें भी रेस्क्यू तक मजदूरो की जिंदगी बचाने में जुटी है.
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