ट्रेन से सफर करना किसको नहीं पसंद और हम जब भी ट्रेनों में सफर करते हैं खिड़की से इर्द-गिर के नजारे तो जरूर लेते हैं कुछ को अपने कमरे में कैद करते हैं और कुछ को अपनी आंखों में पर क्या आपने कभी स्टेशन को गौर से देखा है जी हां उसी ट्रेन स्टेशन को जहां पर रोजाना हजारों की संख्या में ट्रेन आती है और जाती है। अच्छा ट्रेन स्टेशन को नहीं मगर ट्रेन को तो ध्यान से देखा होगा ना जाते हुए खासकर तो क्या आपने कभी नोटिस किया है की ट्रेन पर लिखी कई तरह की चीजें ट्रेन के बारे में कुछ ना कुछ जानकारी देती हैं और उससे उस ट्रेन के बारे में बहुत कुछ पता चलता है। ऐसे ही कई ट्रेन पर आपने देखा होगा कि इंजन पर सबसे आगे भगत की कोठी लिखा होता है। कई ट्रेन पर भगत की कोठी के स्थान पर BGKT लिखा होता है। कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है और क्यों इंजन पर भगत की कोठी लिखा होता है।
नहीं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िएगा क्योंकि, इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर भगत की कोठी है क्या? क्यों इस ट्रेन पर लिखा जाता है? और इसके क्या मायने हैं?
आईए बढ़ते है जानकारी की ओर-
वैसे जानकारी की तरफ आगे बढ़ते हुए आपको बताते चलें की हर ट्रेन के इंजन के पीछे भगत की कोठी नहीं लिखा रहता यह बस कुछ खास ट्रेनों पर लिखा होता है इसलिए लिए जानते हैं कि भगत की कोठी आखिर है क्या
भगत की कोठी का मतलब
राजस्थान के जोधपुर के पास भगत की कोठी एक जगह का नाम है और इसी नाम पर एक रेलवे स्टेशन भी है जो की जोधपुर स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है जहां से कई रूट की ट्रेन गुजरती है और रुकती भी हैं और भगत की कोठी नाम वहीं से फेमस हुआ है।
ट्रेन के इंजन के पीछे क्यों लिखा होता है ये नाम
चलिए अब अपने मतलब तो समझ लिया लेकिन आपका भी अभी तक यही सवाल होगा इस जगह का नाम ट्रेन के पीछे लिखने का क्या मतलब है तो आपको बता दे की भगत की कोठी में लोकोमोटिव शेड बना हुआ है जहां रेल के इंजन खड़े होते हैं इन शेड में इंजन का मेंटेनेंस आदि का काम होता है और यहां ही ट्रेन के इंजन खड़े किए जाते हैं ऐसे में जो इंजन इस स्टेट से संबंधित होते हैं उन इंजन पर भगत की कोठी नाम लिखा रहता है अब सीधे सेंटेंस में समझे तो भगत की कोठी को आप इंजन का स्टोर हाउस भी समझ सकते हैं।
हालांकि हम आपको यह भी जानकारी दे दें कि BGKT यानी भगत की कोठी में सिर्फ डीजल इंजन शेड खड़े किए जाते है यानी जिनमे डीजल लोकोमोटिव होते हैं। क्योंकि भारत में डीजल से अलग इलेक्ट्रिक इंजन का भी अब बड़ा चलन चल चुका है इसलिए कुछ चुनिंदा ट्रेनों पर ही भगत की कोठी लिखा रहता है।
भगत की कोठी में मौजूद डीजल लोकोमोटिव के ये है नाम
1972 में भगत की कोठी में डीजल लोको शेड स्टेशन स्थापित किया गया था। जिसमे 19 WDP-4, 90+ WDG-4, 19 WDP-4B, 30+ WDP-4D और 1 WDG-4D सहित 160+ EMD लोकोमोटिव शामिल है।
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