अक्सर विवादों में रहने वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बलवंत कटारिया उर्फ बॉबी कटारिया को मानव तस्करी और धोखाधड़ी के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने मंगलवार को बताया कि अदालत ने उसे तीन दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया है….
तो बॉबी कटारिया को लेकर अब तक कई खुलासे हुए हैं… जानकारी के मुताबिक छापेमारी में कटारिया के पास से 20 लाख रुपए कैश, कुछ दस्तावेज और चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं… पुलिस ने आशंका जताई है कि… कटारिया पिछले साल से मानव तस्करों के एक बड़े गिरोह में शामिल है… और उसके किसी अंतरराष्ट्रीय गैंग से भी संबंध हो सकते हैं.
गुरुग्राम पुलिस ने बॉबी कटारिया को कबूतरबाजी के गंभीर आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था. मामला विदेश में नौकरी दिलवाने, बंधक बनाकर मारपीट करने और जबरन चाइनीज कंपनी में गैर कानूनी काम करवाने से जुड़ा है. एनआईए मामले की जांच में जुटी थी. इसी तफ्तीश के दौरान सोमवार देर रात एनआईए की टीम ने गुरुग्राम पुलिस के साथ सेक्टर 109 में बॉबी कटारिया के फ्लैट और ऑफिस में संयुक्त रेड की जहां से कई संदिग्ध दस्तावेज और नकदी बरामद की.
दरअसल फतेहपुर के रहने वाले अरुण कुमार और हापुड़ के धौलाना के रहने वाले मनीष तोमर ने गुरुग्राम पुलिस को शिकायत दी थी कि बॉबी कटारिया ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर विदेश में नौकरी दिलवाने जैसा विज्ञापन दिया था. इसी से प्रभावित होकर उन्होंने कटारिया की टीम से संपर्क किया जिसके बाद दोनों युवकों को गुरुग्राम के सेक्टर 109 स्थित कटारिया के ऑफिस में बुलाया गया, जहां उनसे 2 हजार रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस वसूल की गई और यूएई में नौकरी देने का सपना दिखाया जाने लगा.
दोनों बेरोजगार युवा इसमें फंसते गए और तीन-तीन किश्तों में 3 लाख 50 हजार रुपए कटारिया के अकाउंट्स में जमा करवा दिए. पीड़ितों ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि बॉबी कटारिया ने उन्हें वेनटाइन में भेजा था, जहां एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्हें कटारिया का दोस्त मिला. उसने खुद को पाकिस्तानी बताया और उन्हें लेकर वेनटाइन के होटल गया. अगले दिन उन्हें अभी नाम का युवक मिला जिसने उन्हें नावतुई की ट्रेन की टिकट थमाई.
पीड़ितों की मानें तो हर साजिश से बेखबर दोनों बेरोजगार युवक ट्रेन में बैठकर नावतुई पहुंचे, जहां उन्हें अंकित शौकीन और नीतीश शर्मा मिले. अंकित और नीतीश उन्हें एक चाइनीज कंपनी में ले गए, जहां उनके पासपोर्ट छीन लिए गए और उन्हें बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की जाने लगी. पीड़ितों की मानें तो उन्हें अमेरिकन साइबर फ्रॉड के गैर-कानूनी धंधे में लगा दिया गया. वे बेहद परेशान थे और एक दिन मौका पाकर वे वहां से भाग निकले और भारतीय दूतावास जा पहुंचे, जहां उन्होंने बॉबी कटारिया और उसके नेक्सेस का भंडाफोड़ कर शिकायत की.
दोनों बेरोजगार युवकों ने एफआईआर में दर्ज करवाया कि उस चाइनीज कंपनी में 150 से ज्यादा युवक-युवतियों को बंधक बनाकर साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है.
वैसी भी बॉबी कटारिया का विवादों से पुराना नाता रहा है… कि कभी प्लेन में धुम्रपान करने के लिए कटारिया को गिरफ्तार किया.. तो कभी महिला की पिटाई करने के आरोप में FIR दर्ज की थी.. तो अब इस केस में और क्या क्या खुलासे होते हैं.. ये देखने वाली बात होगी…
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