अमेठी लोकसभा सीट पर अभी तक कांग्रेस का प्रत्याशी का एलान नहीं हुआ है। अब नामांकन में महज चार दिन शेष बचे हैं, इसके बाद भी यह तय नहीं हो सका है कि कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सरप्राइज वाले बयान के बाद से अमेठी में सियासी हलचल बढ़ गई है। दिल्ली दरबार में हुई मंत्रणा को 72 घंटे बीत चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक किसी के नाम का एलान नहीं हो सका है।
कौन होगा कोंग्रेस का अमेठी से प्रतियाशी
इस हालात ने अमेठी को मंथन पर मजबूर कर दिया है। इन सबके बीच दिल्ली से अमेठी की हरेक राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है। हालांकि तीन मई को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय का अमेठी दौरा है।
यूं तो अमेठी गांधी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है, लेकिन 2019 में इस तिलिस्म को स्मृति इरानी ने तोड़ दिया।वर्ष 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा सीट से अब तक सिर्फ तीन बार गैर कांग्रेसी सांसद चुने गए हैं।
बीते चुनाव में राहुल गांधी की हार के बाद अब इस चुनाव में दावेदारी को लेकर कांग्रेस का मौन कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहा है। दरअसल, अब जब नामांकन में महज चार दिन शेष बचे हैं, इसके बाद भी यह तय नहीं हो सका है कि कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा। पार्टी कार्यकर्ता तैयारी तो कर रहे हैं, लेकिन अब पार्टी का मौन उनकी भी दुविधा बढ़ा रही है।
रविवार शाम एक वैवाहिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे कांग्रेस के एक नेता लोगों का अभिवादन कर रहे थे, तभी गांव के एक बुजुर्ग ने कहा कि भैया अबकी बार आपकी पार्टी से के लड़त हय…।इस सवाल पर कांग्रेस नेता ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा कि दादा आप…।
दरअसल, इस सवाल ने हरेक कांग्रेसी को परेशान कर दिया है। वैसे, अमेठी पर सीधे दिल्ली से नजर रखी जा रही है। वहां से एजेंसियों के फोन अमेठी के लोगों के पास आ रहे हैं। उनसे फीडबैक लिया जा रहा है। कहां, क्या माहौल है, कौन किसके साथ है, कौन नाराज है। किसके साथ जाने से क्या असर पड़ेगा… इन तमाम सवालों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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