भारतीय युवा निशानेबाज मनु भाकर ने 30 जुलाई को भारत के ओलंपिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। मनु ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल के बाद मिक्स्ड टीम इवेंट में भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। वह एक ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनी।
पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ‘धाकड़’ एथलीट बनकर उभरी हैं. उन्होंने एक के बाद एक दो मेडल जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया है. अब मनु के पास एक और इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने का मौका है. मनु भाकर आजादी के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं, जिन्होंने 30 जुलाई को सरबजोत सिंह के साथ पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में दक्षिण कोरिया को हराकर इतिहास रच दिया. ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे, लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की थी.
भारतीय जोड़ी ने कोरिया के ली वोन्हो और ओ ये जिन को 16-10 से हराकर देश को इस ओलंपिक में देश को दूसरा पदक दिलाया. इससे पहले मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था. मनु को अभी 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भी उतरना है और उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है, इस इवेंट के मुकाबले 2 अगस्त से शुरू होने हैं.
ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद मनु भाकर इवेंट में अपने पार्टनर सरबजोत सिंह के साथ काफी खुश दिखीं. जब उनसे पूछा गया कि वह अब मेडल की हैट्रिक भी जड़ सकती हैं , इस पर उन्होंने कहा कि वह मेडल जीतने के लिए पूरी जान लगा देंगी और हैट्रिक जड़ने की कोशिश करूंगी.
मनु और सरबजोत ने क्वालिफिकेशन दौर में 580 स्कोर करके कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई थी. मनु ने जीत के बाद कहा ,‘मैं बहुत ही गर्व महसूस कर रही हूं. सभी को शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद.’ उन्होंने कहा,‘हम विरोधी टीम के प्रदर्शन पर नियंत्रण नहीं कर सकते, लेकिन अपना प्रदर्शन तो अपने साथ में है. मैंने और मेरे जोड़ीदार ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अंत तक जुझारूपन नहीं छोड़ा.’
अंबाला के निशानेबाज सरबजोत पर व्यक्तिगत वर्ग में नाकाम रहने के बाद अच्छे प्रदर्शन का काफी दबाव था. उन्होंने कहा,‘मुझे अच्छा लग रहा है. मुकाबला काफी कठिन था और काफी दबाव था.’ टोक्यो ओलंपिक में मनु पिस्टल में खराबी आने के कारण फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी थीं. लेकिन यहां दो पदक जीतकर उन्होंने हर जख्म पर मरहम लगा दिया.
भारत की शुरूआत खराब रही जब सरबजोत का पहला शॉट 8.6 रहा, लेकिन मनु ने 10.2 बनाया. कोरियाई जोड़ी ने कुल 20.5 स्कोर करके 2.0 की बढ़त बना ली . मिश्रित टीम वर्ग में पहले 16 अंक तक पहुंचने वाली टीम विजयी रहती है.पहला सेट हारने के बाद मनु ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए सिर्फ तीन बार 10 से कम स्कोर किया. इसके बाद से कोरियाई टीम के लिए वापसी करना मुश्किल हो गया
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