पाकिस्तान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जिसे आप जानकर हैरान हो जाएैगे । जी हाँ पाकिस्तान में गधो की संख्या 59 उनसठ लाख हो गई है, पिछले साल ये आंकड़ा 58 अट्ठावन लाख था. यहां इतने गधे हैं कि इन्हें निर्यात किया जाता है, लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर यहां इतने गधे पाए क्यों जाते हैं? आखिरकार माजरा क्या है आइए जानते है एक खास रिपोर्ट
पाकिस्तान में गधों की संख्या में इजाफा हुआ है. इनकी संख्या तेजी से बढ़कर लगभग 60 लाख तक पहुंच गई है. पाकिस्तान में हुए इकोनॉमिक सर्वे में यह बात सामने आई है. पाकिस्तान में गंधों की संख्या में 1.7 4 सात चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, पाकिस्तान 2023-24 के अपने इकोनॉमिक ग्रोथ टारगेट से चूक गया है. ऐसे में यही बढ़े हुए गधे पाकिस्तान की मदद कर सकते हैं. इसमें एक अहम किरदार चीन अदा कर सकता है.
तो बता दें कि पाकिस्तान से दुनियाभर में गधों का निर्यात किया जाता है. यहां से गधों को खरीदने वाला सबसे बड़ा देश चीन है. चीन में गधे की खाल की मांग बहुत ज़्यादा है। चीन पाकिस्तान से गधों को खरीदकर कई चीजों में इनका इस्तेमाल करता है.
चीनी लोगों का मानना है कि गधे की खाल कई कथित औषधीय लाभ प्रदान करती है, जिसमें एनीमिया, प्रजनन संबंधी समस्याएं और अनिद्रा का उपचार शामिल है, हालांकि इन दावों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। गधे की खाल से प्राप्त प्राथमिक उत्पाद को ईजाओ कहा जाता है, जो एक पारंपरिक दवा है जिसका उपयोग चीन में हज़ारों सालों से किया जाता रहा है। पहले यह चीनी शाही वर्ग के लिए आरक्षित थी, लेकिन अब इसकी मांग मध्यम वर्ग तक पहुंच गई है।
पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में गधों का बेहद महत्व है. वे इन इलाकों की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं. इन्हें कृषि से जुड़े कार्यों व यातायात के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा गधे माल ढुलाई में भी काम आते हैं.आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान चीन को हर साल 5 लाख गधे बेचता है. ये गधे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करते हैं.पाकिस्तान में गधों की एक बड़ी आबादी है. इसके साथ ही ये गधों की आबादी वाला एक बड़ा देश है, इस देश में एक गधे की कीमत 15 से 20 हजार रुपये है.
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