तो छठे चरण की वोटिंग के लिए चुनाव प्रचार अभियान खत्म हो चुका है…. 25 मई को वोटिंग है… तो कहने का मतलब है.. कि जैसे-जैसे चुनावी चरण बढ़ रहे हैं.. पार्टियों को तेवर भी बदल रहे हैं…
25 मई शनिवार को 58 लोकसभा सीटों पर मतदान होने वाला है. इस चरण में कुल आठ प्रदेशों में चुनाव होंगे. खास बात ये कि छठे चरण में जिन राज्यों में मतदान होने वाला है उनमें उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्य हैं, जहां बीजेपी का आधार मजबूत रहा है.. लेकिन इसी के साथ ओडिशा, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां बीजेपी को नई चुनौतियों से भी सामना करना पड़ रहा है… 1 जून को अंतिम चरण में बीजेपी को पंजाब का भी मुकाबला करना है… जहां पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपनी जड़ मजबूत कर ली… यही वजह है कि जैसे-जैसे चुनाव अपने अंतिम चरणों की ओर जा रहा है, वैसे-वैसे मुद्दों और नारों में भी ‘खटाखट’ परिवर्तन देखने को मिल रहा है.
अंतिम चरणों में चुनाव प्रचार पहले के चरणों से ज्यादा आक्रामक हो गया है. सभी दल एक-दूसरे के खिलाफ अपने-अपने अंतिम हथियारों का ‘खटाखट’ इस्तेमाल कर रहे हैं. कांग्रेस महालक्ष्मी योजना को नये सिरे से जनता के बीच खटाखट पहुंचाने का दावा रही है तो पीएम मोदी अपनी रैलियों में लगातार मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाकर कांग्रेस पार्टी पर ‘खटाखट’ प्रहार कर रहे हैं. बुधवार को यूपी के बस्ती और श्रावस्ती में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय माफिया राज का बोलबाला बताकर हमला बोला था, जहां उनकी जुबान से फिर कब्रिस्तान शब्द सुनने को मिला. उन्होंने भ्रष्टाचारियों को कब्रिस्तान में गाड़ देने की बात कही… उसी दिन प्रधानमंत्री जब यूपी से दिल्ली के द्वारका पहुंचे तो उनका सीधा निशाना जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पचास फीसदी मुस्लिम आरक्षण था. उन्होंने यहां ओबीसी के साथ-साथ दलित आरक्षण का मुद्दा भी उठाया. प्रधानमंत्री ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर सीधे कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया.
इस लोकसभा चुनाव में कोई भी आखिरी दांव आजमाने से नहीं चूकना चाहता. प्रधानमंत्री मोदी इंडिया गठबंधन में खासतौर पर कांग्रेस पर लगातार प्रहार कर रहे हैं, गुरुवार को उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया तो पंजाब में करतारपुर साहिब से लेकर नशे के कारोबार और सीएए के तहत बंटवारे के शिकार हुए सिखों को नागरिकता देने की भी बात कही. साथ ही पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों के ओबीसी सर्टिफिकेट पर भी ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला.
दूसरी तरफ राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने लगातार संविधान और लोकतंत्र बचाओ का नारा बुलंद कर रखा है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के धड़ाधड़ इंटरव्यूज पर तंज कसा है. राहुल गांधी ने पीएम मोदी के एक इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कहा कि उनके राज में गरीब और गरीब जबकि अमीर और अमीर होते जा रहे हैं. राहुल गांधी ने किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों का मुद्दा उठाते हुए पीएम मोदी को घेरा है. राहुल ने इस दौरान महालक्ष्मी योजना के माध्यम से देश की गरीब महिलाओं के खाते में खटाखट एक लाख रुपये ट्रांसफर करने की बात कही तो उधर पीएम मोदी ने भी तंज कसा कि 4 जून आते ही दिल्ली और यूपी के शहजादे विदेश छुट्टियां मनाने चले जाएंगे .राहुल गांधी के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बीच एक नया मुद्दा छेड़ कर नई बहस को जन्म दे दिया. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की बात कही…
तो कहने का मतलब है .. क्या इस तरह की बयानबाजी से चुनाव में पार्टियों को फायदा मिलेगा… क्या पब्लिक इन चुनावी वादों को सुनकर ही वोट देगी.. क्या जीत के बाद जनता से किए वादों को ध्यान में रखकर सरकार काम करेगी.. या ये सिर्फ चुनावी जुमले ही बनकर रह जाएंगे…
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