पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बुधवार को राज्यसभा से रिटायर हो गए. दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे 91 वर्षीय मनमोहन सिंह के लिए बतौर सांसद यह आखिरी पारी थी. साथ ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का राज्यसभा में कार्यकाल समाप्त हो गया..
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह 33 साल बाद राज्यसभा से रिटायर हुए… 1991 में सबसे पहली बार असम से राज्यसभा पहुंचे थे। छठी और आखिरी बार वे 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने। आज उनके लंबे संसदीय करियर का अंत हुआ..
खास बात है कि मनमोहन सिंह की राजनीतिक पारी तब संपन्न हुई… जब कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा में पहुंची… वहीं मनमोहन सिंह के साथ राज्यसभा के 54 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ,,, हीं लौटेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा कि मनमोहन सिंह ने समर्पण के साथ हमारे देश की सेवा की है। बहुत कम लोगों ने देश और और कांग्रेस के लोगों के लिए आपके जितना काम किया है… खड़गे ने कहा, ‘अब आप सक्रिय राजनीति में नहीं होंगे… लेकिन आपकी आवाज जनता के लिए लगातार उठती रहेगी… तीन दशकों से अधिक समय तक आपने सेवा की है। आपके रिटायरमेंट से एक युग का अंत हो गया है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा.. कि देश आज जिस आर्थिक समृद्धि और स्थिरता का आनंद ले रहा है वह दिवंगत पीएम नरसिम्हा राव और सिंह द्वारा रखी गई नींव पर आधारित है।
पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की राज्यसभा में अपनी 33 साल लंबी संसदीय पारी समाप्त हो गई। वह पहली बार साल 1991 में राज्यसभा के सदस्य बने थे। वर्ष 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था में कई सुधारों की शुरुआत की। साथ ही मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे हैं।
मनमोहन सिंह के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री परषोत्तम रूपाला, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नाराण राणे,सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन का राज्यसभा का कार्यकाल मंगलवार को पूरा हो गया..
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