सऊदी अरब में भीषण गर्मी और लू की वजह से हज यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. स्थिति ये हो गई है कि अब तक 19 यात्रियों की मौत हो गई है. इनमें 15 जॉर्डन के रहने वाले हैं और 5 ईरान के हैं. जॉर्डन ने मौत के पीछे भीषण गर्मी और लू को जिम्मेदार बताया है.
सऊदी अरब के मक्का मदीना में हज यात्रा के लिए 18 लाख से अधिक लोग इकट्ठा हुए हैं. भीषण गर्मी केवल भारत के हिस्सों में ही नहीं पड़ रही है बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी इसका कहर देखने को मिल रहा है। हज की यात्रा पर सऊदी अरब आए 19 लोगों की लू लगने की वजह से मौत हो गई है और 17 अन्य लोग लापता हो गए हैं। यह सभी जॉर्डन के हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह सऊदी अरब में मृतकों को दफनाने या शव को जॉर्डन भेजने के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क कर रहा है।
इसके अलावा ईरानी रेड क्रिसेंट ने भी पांच ईरानी तीर्थ यात्रियों की मौत की पुष्टि की है। हालांकि, यह नहीं बताया कि उनकी मौतें कैसे हुईं है। सऊदी अरब के अधिकारियों की तरफ से अभी तक मौतों के बारे में कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पवित्र शहर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है और सोमवार को यह तापमान 47
सैंतालीस डिग्री के आसपास पहुंचने का अनुमान है।
18 लाख से ज्यादा लोग हज की यात्रा पर पहुंचे सऊदी अरब में इस समय भीषण गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है। इस गर्मी के बीच भी दुनिया भर से करीब 18 लाख से ज्यादा हज यात्री हज के लिए मक्का पहुंचे हैं। सऊदी के अधिकारियों ने संभावना जताई थी कि इस साल यह संख्या 20 लाख से पार पहुंच जाएगी। कोरोना महामारी की वजह से तीन साल तक इस यात्रा पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसके बाद अब बड़ी संख्या में लोग शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।
पिछले साल 240 लोगों की जान गई पिछले साल लगभग 18 लाख से ज्यादा मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे थे। इस दौरान करीब 240 लोगों की जान चली गई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। हालांकि, उनकी मौत कैसे हुई थी, इसके पीछे की वजह क्लियर नहीं की गई थी। सऊदी अधिकारी के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल गर्मी से होने वाली बीमारियों के 10,000 मामले सामने आए थे जिसमें से 10 फीसदी हीटस्ट्रोक के मामले थे।
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