गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए वैसे तो लोग ठंडा पानी प्रिफर करते है पर ज्यादातर लोग गले तो चिल्ड और तरो ताज़ा रखने के लिए कोल्डड्रिंक पीना पंसद करते है। तो अगर आप भी उन तामम लोगों में से एक है जो कोल्डड्रिंक या softdrinks पीना पंसद करते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए बहुत काम का है, शायद इसे पढ़ने के बाद आप cold drinks को कभी हाथ न लगाओ। क्योंकि आज हम आपको बताएंगे डार्क रियलिटी ऑफ कोल्डड्रिंक
कोल्डड्रिंक भले ही हमारे शरीर को ठंडक पहुंचती हो पर क्या आपने कभी सोचा है कि इसकी कैलोरीज़ हमारी बॉडी को कितना नुकसान पहुंचाती है??? यकीनन नही ही सोचा होगा, क्योंकि अगर सोचा होता तो कोल्ड ड्रिंक्स अब तक आपकी favourite न होती।
आपको बता दे कि कोल्ड ड्रिंक के अंदर चाय, कॉफी, सिगरेट की तरह ही कैफीन पाया जाता है जिसकी वजह से हमारी आंखों की पुतली फैलने लगती है। चाय और कॉफी की तरह इसे भी पीने से हम खुद को तरोताजा महसूस करते हैं, नींद खत्म हो जाती है, थकान दूर हो जाती है और पहले से ज्यादा हम अपने आप को एक्टिव समझने लगते हैं, लेकिन इस दौरान हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर का लेवल बढ़ जाता है जिसे कंट्रोल करने के लिए हमारा लीवर शरीर में और शुगर सेक्रीट करने लगता है।
कोल्ड ड्रिंक हमारी बॉडी के लिए कितनी घातक है इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा लीजिए की इसमें कार्बन डायऑक्साइड और शुगर की मात्रा इतनी अधिक होती है की ये एक लंबे चौड़े इंसान को भी जानलेवा बीमारी का शिकार बना सकती है। ऐसा केवल हम नही बल्की कई हेल्थ स्पेशलिस्ट भी बताते हैं कि इसमें पाए जाने वाले एसिड हमारे दांतों के लिए बहुत ही हार्मफुल होते है। कोल्ड ड्रिंक्स में मौजूद फास्फोरिक एसिड हमारी हड्डियों को कमजोर कर देता है। अगर आप कोल्ड ड्रिंक्स को गलती से भी रेगुलरली कंज्यूम करते है तो यह आपकी बॉडी में फैट को इकट्ठा करना शुरू कर देता है, जिससे आपका मोटापा आपको तकलीफ देना शुरू कर सकता है।
कोल्ड ड्रिंक में पाए जाने वाला केमिकल डोपामाइन, ढेर सारा शुगर आपके ब्रेन को रिलीज करता है, जिससे आप इसके टेस्ट और टेक्सचर के हैबिचुअल हो जाते है और आप कोल्ड्रिंग की बुरी लत के शिकार बन जाते हैं। कोल्ड ड्रिंक पीने से आप डिहाइड्रेशन के शिकार भी हो सकते हैं, क्योंकि कोल्ड ड्रिंक में कैफीन ज्यादा मात्रा में होता है जो शरीर में पानी की कमी कर देता है। इसलिए याद रखे की जब भी आप प्यास से तड़प रहे हो तो पानी को ही अपनी पहली preference पानी को ही दे ताकि आपकी बॉडी आगे भी हाइड्रेटेड बनी रहे।
कोल्ड ड्रिंक में पाए जाने वाला कार्बोनेटेड वॉटर, हार्मफुल एसिड और आर्टिफिशियल कलर शरीर को ठंडा करने की वजाय पेट में एसिड और बॉडी में शुगर की मात्रा को बढ़ा देता है। जो लोग कोल्ड ड्रिंक ज्यादा पीते हैं उन्हें पता भी नहीं होता है कि उनको शरीर में आने वाले अनेक तरह के परेशानियों का मुख्य जड़ उनका कोल्ड ड्रिंक का ज्यादा पीना है। कोल्ड ड्रिंक में पानी से भी अधिक ज्यादा केमिकल होते हैं, जिससे आपको एसिडिटी भी हो सकती हैं इसलिए आपको अल्सर की समस्या भी हो सकती हैं।
जो लोग यह सोचते हैं कि दिन में एक गिलास कोल्ड ड्रिंक पीने से कुछ नहीं होता तो आप को अपनी सोच बदलनी होगी क्योंकि कुछ surveys के रिजल्ट तो इस बात की भी पुष्टि करते हैं की प्रतिदिन सिर्फ एक गिलास कोल्डड्रिंक पीने से प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि कोल्ड ड्रिंक आपके शरीर के अंदर जाने के महज 5 मिनट बाद ही अपना असर दिखाना शुरू कर देती है।
तो चलिए जानते हैं कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद अगले 1 घंटे में हमारे शरीर में क्या-क्या होता है ?
500 ML कोल्ड ड्रिंक में लगभग 50 ग्राम चीनी की मात्रा पाई जाती है। जब हम लगभग 350 ml या एक ग्लास कोल्ड ड्रिंक पीते हैं तो लगभग 35 से 45 ग्राम चीनी जो 10 बड़े चम्मच के बराबर होती है हमारे शरीर में पहुंच जाती है। आमतौर पर कोई भी इतनी चीनी की मात्रा एक साथ नहीं खा सकता। क्योंकि किसी भी ह्यूमन बॉडी में अगर एक बार में इतनी मात्रा में चीनी चली जाती है तो आमतौर पर उसे घबराहट होने लगती है, जिसकी वजह से शायद उसे उल्टी भी हो जाए। लेकिन कोल्ड ड्रिंक पीने पर में हमें ऐसा कुछ भी महसूस नहीं होता, जिसकी वजह कोल्ड ड्रिंक में फास्फोरिक एसिड मिलाने की ट्रिक है। जिसके कारण कोल्ड ड्रिंक को कंज्यूम करने वालो को शुगर का लेवल का पता नहीं चलता। कोल्ड ड्रिंक पीने के लगभग 20 मिनट बाद हमारे शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है जिसे हजम करने के लिए बॉडी में इंसुलिन का बहाव भी तेजी से होने लगता है। शुगर की मात्रा अधिक होने के कारण हमारा शरीर उस शुगर को पचाने की जगह फैट यानी चर्बी में बदलने लगता है जिससे एक साथ हो रहे इस प्रोसेस को हमारा लिवर ठीक तरह से हैंडल भी नहीं कर पाता।
कोल्ड ड्रिंक पीने के लगभग 50 मिनट बाद हमारे शरीर में पाए जाने वाला केमिकल डोपामाइन जो दिमाग को खुशी प्रदान करता है उसका लेवल भी बढ़ जाता है, जिसकी वजह से हमें पहले से और बेहतर और फ्रेश महसूस होने लगता है। जिसकी वजह से हमें और कोल्ड ड्रिंक पीने की और इच्छा होने लगती है और एक समय ऐसा होता है कि दिमाग हमारा उसी चीज की तरफ बार-बार इशारा करता है।
कोल्ड ड्रिंक पीने के लगभग 60 मिनट बाद फॉसफोरिक ऐसिड अपना काम दिखाना शुरू कर देता है।
शरीर में मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक को यह हमारी स्मॉल इंटेस्टाइन में भेजने लगता है। जिसकी वजह से ह्यूमन बॉडी में यूरीन भी फ्रीक्वेंटली जेनरेट होने लगता है और हमे बार बार वॉशरूम जाना पड़ता है। जिसके फलस्वरूप जितना पानी हमारे शरीर में पहले से होता है और जितना हम कोल्ड ड्रिंक पीते हैं, वो सब एक साथ हमारे शरीर से यूरीन के रास्ते बाहर निकल जाता है।
इसकी वजह से हमारा शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है। कोल्ड ड्रिंक में पाए जाने वाला फास्फोरिक एसिड और कैफीन की वजह से हमारे शरीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे आवश्यक मिनरल्स की कमी हो जाती है । जिसकी वजह से हमारी हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती है । इन सभी वजह से 1 घंटे बाद हमे हमारे शरीर में थकान महसूस होने लगती है।
अब आप जरा सोचिए प्यास बुझाने वाली कोल्ड ड्रिंक हमारे शरीर को किस तरह से सुखाकर रख देती है। आपको ये भी जानकर हैरानी होगी कि किसी भी कोल्ड्रिंक को बनाने में किसी भी नेचुरल फ्रूट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। अगर पोषक तत्वों के नजरिए से इस कोल्ड ड्रिंक को देखा जाए तो कोल्ड ड्रिंक में ऐसी कोई भी मिनरल्स नहीं होते है जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक हो। हा मगर कोल्ड ड्रिंक के इतने नुकसानों के बीच एक नुकसान को गिनाना तो हम भूल ही गए, और वो है आपकी जेब को होने बाला नुकसान, क्योंकि जिन कोल्ड ड्रिंक्स को खरीदने में आप 100 से 150 रुपए खर्च करते है आपको जानकर धक्का लगेगा की कोल्ड ड्रिंक की एक बोतल की लागत ज्यादा से ज्यादा 5 से 10 रुपए होगी। आखिर होता तो ये महज़ मीठा पानी ही है।
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