TCS Share Block Deal: टाटा ग्रुप की इन्वेस्टमेंट कंपनी Tata Sons ने ब्लॉक डील के जरिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के 2.34 करोड़ शेयर बेचने का प्लान तैयार किया है। इसके साथ ही आपको बताते चले की, ऑफर पर शेयरों की कुल संख्या टीसीएस की कुल बकाया इक्विटी का 0.64 फीसदी है।
शेयर बाजार ओपन होते ही टाटा के शेयर ब्लॉक डील के जरिए बेचे जाएंगे और इसके लिए फ्लोर प्राइस भी सेट कर दिया गया है। आपको बता दे की आज टाटा संस भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के 2 करोड़ से ज्यादा शेयरों को बेचने जा रही है।
9300 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी
स्टॉक एक्सचेंज डाटा के मुताबिक, टाटा संस के पास दिसंबर 31 तक टीसीएस में 72.4 फीसदी हिस्सेदारी है। ब्लॉक डील के लिए कंपनी ने 4001 रुपये का फ्लोर प्राइस सेट किया है। इस हिसाब से देखें तो इस डील से टाटा संस को 9300 करोड़ रुपये का फायदा होगा। बिजनेस टुडे पर छपी के रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की इन्वेस्टमेंट कंपनी Tata Sons ने ब्लॉक डील के जरिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के 2.34 करोड़ शेयर बेचने का प्लान तैयार किया है। इसके साथ ही आपको बताते चले की, ऑफर पर शेयरों की कुल संख्या टीसीएस की कुल बकाया इक्विटी का 0.64 फीसदी है।
एक साल में 32% का दिया रिटर्न
Tata Group की टीसीएस देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है और मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से रिलायंस (Reliance) के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी का मार्केट कैप (TCS Market Cap) सोमवार को क्लोजिंग के समय 15 लाख करोड़ रुपये था। गौरतलब है कि बीते कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार (Share Market) में कारोबार खत्म होने पर टीसीएस का शेयर (TCS Share)1.78 फीसदी की गिरावट के साथ 4,144.25 रुपये के लेवल पर क्लोज हुआ था। पिछले एक साल के दौरान कंपनी के शेयरों की कीमतों 32 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।
ब्लॉक डील के पीछे ये बड़ी वजह!
रिपोर्ट्स की मानें तो टाटा संस की सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्टिंग की संभावना जताई जा रही है। जिसमें कहा गया था कि टाटा संस को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अपर-लेयर NBFC के रूप में नोटिफाई हुए 3 साल होने वाले हैं और ऐसे में इसकी लिस्टिंग को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। लेकिन टाटा ग्रुप द्वारा TCS Shares की ब्लॉक डील के पीछे की स्पष्ट वजह तो साफ नहीं हो पाई है और ना ही कंपनी की ओर से इस संबंध में कोई टिप्पणी की गई है। इसके साथ ही आपको ये भी बताते चले कि RBI के आदेश के मुताबिक, अपर-लेयर के NBFC के रूप में केंद्रीय बैंक की ओर से नोटिफाई होने के बाद फर्म को 3 साल के भीतर लिस्ट होना होगा। टाटा संस को सितंबर 2022 में नोटिफाई किया गया था।
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