महाराष्ट्र की सियासत में लोकसभा चुनाव से पहले कथित ‘खिचड़ी घोटाले’ की खूब चर्चा हो रही है…. सत्ताधारी पार्टी से लेकर विपक्षी नेता तक इस कथित घोटाले को लेकर एक दूसरे पर जमकर हमला कर रहे हैं.
तो खिलड़ी घोटाले की गूंज तब सुनाई दी… जब निष्कासित कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधा… उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने जिस अमोल कीर्तिकर को मुंबई उत्तर पश्चिम सीट सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है… वह ‘खिचड़ी चोर’ हैं.
ईडी ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) नेता अमोल कीर्तिकर से कोविड महामारी के दौरान BMC द्वारा खिचड़ी वितरण में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ भी की. कथित घोटाले में उनकी भूमिका की जांच करते हुए जांच एजेंसी के अधिकारियों ने अपने मुंबई कार्यालय में कीर्तिकर से लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की. इस कथित घोटाले के दौरान अमोल कीर्तिकर के बैंक खाते में लेनदेन हुआ था… जहां उन्होंने कथित तौर पर खिचड़ी ठेका फर्म से 1.65 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे.
अब जान लेते हैं कि असलियत में खिचड़ी घोटाला है क्या…. ‘खिचड़ी घोटाला’ नाम खिचड़ी वितरण योजना से आया है, जिसे बीएमसी द्वारा कोविड लॉकडाउन के दौरान
में जरूरतमंद दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था…. लॉकडाउन के दौरान इन मजदूरों और गरीबों के पास पास भोजन प्राप्त करने के लिए कोई काम या अन्य साधन नहीं था… इसलिए इन्हें बीएमसी द्वारा खिचड़ी उपलब्ध कराई गई.
खिचड़ी बनाने का ठेका देने के लिए यह शर्त रखी गई.. कि जो पांच हजार से फूड पैकेट बना सकता है.. उसे ही यह ठेका दिया जा सकता है…. इसके अलावा यह तय किया गया कि एनजीओ, चैरिटेबल संस्थाओं और कम्युनिटी किचन को ठेका दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा…. बाद में यह बात सामने निकलकर कि नियमों को ताक पर रखकर ठेका दिया गया.. और बकायदा रिश्वत तक ली गई. जांच एजेंसी ने बताया कि खिचड़ी पैकेट की आपूर्ति के लिए बीएमसी द्वारा ‘फोर्स वन मल्टी सर्विसेज’ के बैंक खाते में 8 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई थी…ये वो कंपनी है जिसको खिचड़ी का ठेका दिया गया था…इसके अलावा यह बात भी सामने निकलकर आई की मजदूरों को जो 250 ग्राम खिचड़ी दी जानी थी वह केवल 125 ग्राम ही दी गई, यानि खिचड़ी बांटने में भी घोटाला हुआ.
कांग्रेस छोड़कर BJP में गए संजय निरुपम ने खिचड़ी घोटाले के बारे में कई दावे किए हैं. उन्होंने इस घोटाले का किंगपिन संजय राउत को बताया है. बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि, सह्याद्रि जलपान को खिचड़ी वितरण के लिए 6 करोड़ रुपए का ठेका मिला जिसके लिए राउत के रिश्तेदारों ने 1 करोड़ रुपए का कमीशन लिया… फिलहाल इस मामले पर अब जमकर सियासत हो रही है…
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