महिलाओं के बजट में लगातार वृद्धि हुई है और यह वित्त वर्ष 2013-14 के सत्तानबे हजार एक सौ चौंतीस 97,134 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. सोमवार को संसद में पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है. इस तरह लैंगिंग बजट में इस साल 2023-24 की तुलना में अड़तीस 38.7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 218.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह राशि कुल केंद्रीय बजट का 6.5 प्रतिशत है.
देश के इकोनॉमिक सर्वे में बड़ी चौकाने वाली बात सामने आई है. इकोनॉमिक सर्वे में जानकारी दी गई है कि बीते 10 साल में महिलाओं के बजट में 3 गुना से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. खास बात तो ये है कि मोदी ऐरा शुरू होने से पहले वाले बजट के मुकाबले महिला बजट में 200 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ देखी गई है. वहीं दूसरी ओर लैंगिंक बजट में इस साल के मुकाबले में करीब 39 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इकोनॉमिक सर्वे में महिलाओं से जुड़े बजट को लेकर किस तरह के आंकड़ें पेश किए गए हैं.
महिलाओं के बजट में लगातार वृद्धि हुई है और यह वित्त वर्ष 2013-14 के 97,134 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है. सोमवार को संसद में पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है. इस तरह लैंगिंग बजट में इस साल 2023-24 की तुलना में 38.7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 218.8 फीसदी यानी 3 गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई. यह राशि कुल केंद्रीय बजट का 6.5 प्रतिशत है. संसद में पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार एक बड़े बदलाव के तहत भारत महिला विकास से महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहा है. समीक्षा में विभिन्न व्यवसायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार के विधायी हस्तक्षेप और प्रावधानों के बारे में बताया गया है.
Discussion about this post