अपना दल कमेरावादी और AIMIM के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन का ऐलान हो गया है। पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी मिलकर साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। दोनों नेताओं के बीच सहमति से गठबंधन हो चुका है। इससे यूपी में गठबंधन पर चर्चा तेज हो गई है।
असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का गठबंधन हो गया है. दोनों की मुलाकात की फोटो का सोशल मीडिया में वायरल होरहे है. इसी के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. वहीं ओवैसी ने गाजीपुर जाकर अफजाल अंसारी से मुलाकात की. साथ ही चंद्रशेखर रावण का ओवैसी की तारीफ करना. ये सब क्या महज संयोग है ! राजनीति में इसे प्रयोग कहते हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर अगर थर्ड फ्ररंट बना तो इंडिया गठबंधन के लिए ये शुभ संकेत नहीं है. ओवैसी के नेतृत्व वाला प्रयोग हिट हो या फिर फ्लॉप. लेकिन यूपी की राजनीति में इस से अचानक से हलचल आ गई है.
असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री के साथ ही अखिलेश यादव के लिए खतरे की घंटी बज गई है. यूपी में पहले राउंड के चुनाव के लिए नामांकन का समय निकल गया है. ओवैसी ने इस बार लोकसभा चुनाव में यूपी से दूर रहने की ठानी थी. वो बीएसपी से चुनावी तालमेल करना चाहते थे. जिसको लेकर उनकी पार्टी के कुछ नेताओं से बातचीत भी हुई थी. लेकिन मायावती तैयार नहीं हुई. इसी दौरान पल्लवी पटेल का एक संदेश आया. फिर वे अपने साथी नेताओं संग हैदराबाद पहुंची जहां दोनों की मुलाकात हुई, बात हुई और गठबंधन फाइनल हो गया. दोनों पार्टियों ने पल्लवी पटेल की अपना दल (कमेरावादी) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने मिल कर पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक चुनाव लड़ने की ठानी है.
अखिलेश यादव ने इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए PDA का नारा दिया. उन्होंने कहा कि PDA ही NDA को हराएगा. PDA का मतलब पिछड़े, दलित और मुस्लिम. अब यही PDA अखिलेश यादव के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है. इसी नारे के नाम पर स्वामी प्रसाद मौर्य अलग हुए. फिर पल्लवी पटेल भी अलग हुई. राज्य सभा चुनाव के आस पास पल्लवी और मौर्य की अखिलेश यादव से अन बन हो गई थी. दोनों नेताओं ने अखिलेश यादव पर PDA के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया. स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी को गुड बाय कर दिया. उन्होंने राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी नाम से एक नया राजनैतिक दल बना लिया.
अब ये तय है कि असदुद्दीन ओवैसी फिर यूपी में अखिलेश यादव का खेल खराब करने की तैयारी में हैं. दोनों के बीच हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा हैं. यूपी में जब अखिलेश यादव की सरकार थी तो उस समय ओवैसी को कभी भी रैली करने की इजाजत नहीं मिली. ओवैसी कहते रहे हैं कि समाजवादी पार्टी में मुसलमान दरी बिछाते हैं. पल्लवी पटेल के कारण कुर्मी और चंद्रशेखर रावण की वजह से दलित वोट मिल सकता है. स्वामी प्रसाद मौर्य के कारण OBC वोट पर भी नजर होगी. स्वामी ने अपनी पार्टी से कुशीनगर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.











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