पाकिस्तान से एक बडी खबर सामने आ रही है जी हाँ पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज है। पाकिस्तान में लोग एक वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैं. खुद सरकार के पास भी पैसे नहीं हैं. शहबाज सरकार ने सरकारी कंपनियों को बेचने का फैसला किया है. उसका कहना है कि सरकार का काम बिजनेस करना नहीं है. अब इस बीच वहां के नेताओं और सेना के अधिकारियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.
आर्थिक संकट और IMF की कड़ी शर्तों से जूझ रहे पाकिस्तान ने सभी सरकारी कंपनियों को बेचने का निर्णय लिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को आयोजित प्राइवेटाइजेशन कमीशन की मीटिंग के दौरान इसकी घोषणा की. शहबाज ने बैठक के दौरान कहा, ‘बिजनेस करना सरकार का काम नहीं है, सरकार का काम देश में व्यापार और निवेश के लिए बेहतर माहौल देना है.’ शरीफ ने कहा कि सभी सरकारी कंपनियों को बेचा जाएगा, चाहे वह मुनाफे में हों या घाटे में चल रही हों.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान की सरकार सिर्फ उन्हीं कंपनियों को अपने पास रखेगी जो रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण हैं. बैठक के दौरान शहबाज शरीफ ने सभी मंत्रियों से कहा है कि प्रक्रिया को आसान बनाने में प्राइवेटाइजेशन कमीशन का सहयोग करें. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की साल 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास कुल 88 अट्ठासी सरकारी कंपनियां हैं.
शहबाज शरीफ ने सरकारी कंपनियों को बेचने का फैसला 12 मई को आईएमएफ की एडवांस टीम के दौरे के बाद की है. आईएमएफ के अधिकारियों के साथ बैठक में पाकिस्तान ने लंबे समय के लिए लोन की मांग की है. शहबाज शरीफ ने कहा है कंपनियों को बेचने के लिए बोली लगेगी और इसका टीवी पर लाइव प्रसारण किया जाएगा, जिससे इसकी पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके. पिछले सप्ताह सरकार ने 24 कंपनियों की लिस्ट बनाई है, जिन्हें बोली के लिए पहले फेज में रखा गया है.
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