तमिलनाडु के परिवहन मंत्री एस एस शिवशंकर के एक बयान से विवाद शुरू हो गया है। एस शिवशंकर ने अपने एक भाषण में भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा दिया। शिवशंकर ने कहा कि-अगर राम अवतार होते तो उनका जन्म नहीं हो सकता था। अगर उनका जन्म हुआ तो वे भगवान नहीं हो सकते थे। शिवशंकर के इस बयान पर सियासी बवाल छिड़ गया है.
तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता एसएस शिवशंकर ने शुक्रवार को भगवान राम के बारे में एक विवादित बयान दिया है. शिवशंकर ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि भगवान राम के अस्तित्व को साबित करने के लिए कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं है. शिवशंकर ने कहा था कि भगवान राम के अस्तित्व का कोई सबूत नहीं है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है. बीजेपी ने हिंदू विरोधी रुख के लिए इंडिया गठबंधन की कड़ी आलोचना की है. बीजेपी ने कहा कि एक बार फिर इंडिया अलायंस का हिंदू विरोधी चेहरा उजागर हुआ है.
बीजेपी ने कहा कि इंडिया गठबंधन का एक ही ध्येय वाक्य है- हिंदू को दो गाली, मिलेगी वोटबैंक की ताली. हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि हिंदू हिंसा है. राम जन्मभूमि आंदोलन को हराया गया और कर्नाटक में रामनगर का नाम बदल दिया गया. टीएमसी जय श्री राम का विरोध करती है. सपा, राजद ने राम चरित मानस को गाली दी. डीएमके ने सनातन उन्मूलन कहा. कांग्रेस ने राम मंदिर का विरोध किया.
चोल सम्राट राजेंद्र चोल की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में डीएमके नेता शिवशंकर ने कहा कि कहा जाता है कि अयोध्या के राम मंदिर का 3000 साल पुराना इतिहास है. भगवान राम 3000 साल पहले यहां रहते थे लेकिन उनके अस्तित्व का कोई साक्ष्य नहीं है. शिवशंकर ने कहा अगर राम अवतार होते तो उनका जन्म नहीं हो सकता था, अगर उनका जन्म हुआ तो वे भगवान नहीं हो सकते थे. हमारे पास भगवान राम के इतिहास को खोजने के लिए कोई प्रमाण नहीं है.
शिवशंकर के बयान पर तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि डीएमके में राम के प्रति अचानक बना जुनून देखने लायक है. डीएमके के लोग बहुत जल्दी भूल जाते हैं. डीएमके ने ही चोल राजवंश की सेंगोल स्थापित करने के लिए हमारे प्रधानमंत्री मोदी का विरोध किया था. शिवशंकर को भगवान राम के बारे में कुछ जानकारी हासिल करनी चाहिए.
यह पहली बार नहीं है जब डीएमके के किसी नेता ने हिंदू धर्म पर इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी की हो. इससे पहले भी कई नेता ऐसा कर चुके हैं. पिछले साल तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी. उदयनिधि ने कहा था कि हिंदू धर्म को मिटा दिया जाना चाहिए.
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