मुलाकात हुई क्या बात हुई… जीहां… राहुल गांधी 27 दिसंबर की सुबह-सुबह हरियाणा के झज्जर पहुंचे और वहां के गांव छारा पहुंचकर अखाड़े में पहलवानों से मिले.. जिससे लेकर सियासी मायने निकाले जा रहे हैं… कि आखिर राहुल अचानक सुबह-सुबह पहलवानों के बीच.. क्यों पहुंच गए.. और मुलाकत करके आखिर क्या बातें हुईं पहलवानों से.. क्योंकि हालही में WFI को लेकर विवाद चल रहा है.. तो आइये जानते हैं.. कि राहुल ने अखाड़े पहुंचकर क्या किया…
तारीख 27 दिसंबर दिन बुधवार.. राहुल गांधी को ना जाने क्या सूझी… की पहुंच गए…सुबह-सुबह हरियाणा के अखाड़े में…. झज्जर के छारा गांव में राहुल ने वीरेंद्र आर्य अखाड़ा जाकर बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवानों से मिले… बतादें कि.. छारा पहलवान दीपक पुनिया का गांव है… दीपक और बजरंग ने वीरेंद्र अखाड़े से अपने कुश्ती करियर की शुरुआत की थी…. अखाड़े से राहुल की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें उन्हें पहलवानों के साथ बैठे हुए देखा जा सकता है.
राहुल ने ऐसे समय पर पहलवानों से मुलाकात की है… जब डब्ल्यूएफआई को लेकर विवाद चल रहा है… केंद्रीय खेल मंत्रालय ने हाल ही में डब्ल्यूएफआई की नई संस्था को रद्द कर दिया…. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिं ह को भी सस्पेंड कर दिया गया…. संजय सिंह को बीजेपी सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है…. बृजभूषण पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है.
आइये जानते हैं.. कि आखड़े में आखिर राहुल ने किया क्या… राहुल गांधी से मुलाकात के बाद जब मीडिया ने बजरंग पूनिया से पूछा कि कांग्रेस नेता यहां किसलिए आए थे? इसके जवाब में पूनिया ने बताया… कि वह हमारे रोजमर्रा के कुश्ती रूटीन को समझने और देखने के लिए आए थे…. उन्होंने कुश्ती भी लड़ी और एक्सरसाइज भी की…. पूनिया ने बताया कि राहुल ने उनके साथ ही कुश्ती भी की…. वो हमारे यहां एक पहलवान की दिनचर्या को देखने के लिए आए थे… हालांकि, पूनिया ने ये नहीं बताया कि राहुल से उनकी क्या कुछ खास बात हुई है.
आपको ये भी बता दें कि…. राहुल गांधी जिस गांव में गए हैं.. वह 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले दीपक पूनिया का गांव है… बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक उन पहलवानों में शामिल हैं, जिन्होंने बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया है…
तो बात साफ है… राहुल का अखाड़े में जाना कोई रााजनीतिक दांव भी हो सकता है.. अब क्या पता अंदर क्या खिचड़ी पक रही है.. ये तो वक्त ही बताएगा..
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