यूपी के दो बाहुबलियों ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. धनंजय सिंह ने बीजेपी के समर्थन का ऐलान कर दिया है तो वहीं राजा भैया ने कहा है कि हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे. यूपी-बिहार का कौन बाहुबली किस खेमे में है?
लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण के मतदान से पहले उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है. सबसे अधिक लोकसभा सीट (80) वाले प्रदेश यूपी के पूर्वांचल में मतदान से पहले नया समीकरण बनता दिख रहा है और इस नए समीकरण में दो बाहुबली आमने-सामने आ गए हैं.
दरअसल, यूपी के कुंडा के बाहुबली विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. उन्होंने कहा है कि वह किसी भी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगे. हालांकि चर्चा है कि समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने उन्हें मना लिया है और वह सपा का समर्थन कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है.
राजा भैया इस चुनाव में बीजेपी से दूर नजर दिख रहे हैं. राजा भैया ने मंगलवार (14 मई 2024) को कहा, ”कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जो ठीक लगे, वह फैसला ले सकते हैं. कौशांबी सीट पर दोनों प्रमुख उम्मीदवारों में कोई भी ऐसा नहीं है जो आपके सुख-दुख में शामिल हो सके. राजा भैया खुद अपनी गारंटी ले सकते हैं, किसी दूसरे नेता या प्रत्याशी की नहीं ले सकते हैं. इस चुनाव में किसी भी पार्टी और उम्मीदवार को कोई समर्थन नहीं दिया जाएगा.”
दूसरी तरफ जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने बुधवार (15 मई 2024) को अचानक बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर सभी को चौंका दिया. धनंजय सिंह ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है जिन्हें कोई नहीं जानता, जबकि बीजेपी के कृपा शंकर को फिर भी लोग जानते हैं. क्योंकि मैं चुनाव नहीं लड़ रहा इसलिए हमने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है.
धनंजय के इस निर्णय का जौनपुर लोकसभा सीट पर असर पड़ सकता है. बीजेपी ने इस सीट से कृपाशंकर सिंह, सपा-कांग्रेस अलायंस ने बाबू सिंह कुशवाहा और बसपा ने श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले बसपा ने इस सीट पर धनंजय की पत्नी श्रीकला को प्रत्याशी बनाया था. हालांकि नामांकन के आखिरी दिन मायावती ने प्रत्याशी बदल दिया और श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया.
जौनपुर में धनंजय सिंह की काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है. वह यहां से सांसद भी रह चुके हैं. इनका वोट बैंक प्रतापगढ़ और कौशांबी में भी है, लेकिन धनंजय सिंह के ऐलान के बाद बीजेपी के लिए जौनपुर की लड़ाई इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह जौनपुर सीट पर हार गई थी.
धनंजय सिंह से अलग राजा भैया का प्रतापगढ़ और कौशांबी सीट पर दबदबा माना जाता है. राजा भैया के बीजेपी को समर्थन न देने के फैसले का प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में असर पड़ सकता है. इन दोनों ही सीट पर इनका बड़ा वोट बैंक है और अब बीजेपी को यहां काफी मेहनत करनी पड़ सकती है. बीजेपी ने कौशांबी से विनोद सोनकर को उम्मीदवार बना रखा है, जबकि प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता को टिकट दिया है.
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