ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से बंदा डरता हा तो सिर्फ परवरदिगार से जी हाँ हम बात कर रहे है जानी यानि राजकुमार की । राजकुमार ऐसे एक्टर थे, जो अपने आगे किसी को नहीं समझते थे. एक बार उन्होंने ‘रामायण’ बनाने वाले डायरेक्टर रामानंद सागर को ऐसा जवाब दिया था, जिसे सुनने के बाद उन्होंने कभी उनके साथ काम नहीं किया.
70-80 के दशक के दिग्गज एक्टर राज कुमार अपने अंदाज के लिए जाने जाते हैं। आज हम आपको निर्मात-निर्देशक रामानंद सागर और उनसे जुडा किस्सा बता रहे है। ये किस्सा है साल 1967 के आस-पास का जब रामानंद सागर उस दौर के बेहतरीन कलाकार राज कुमार के घर अपनी फिल्म आंखें की स्क्रिप्ट लेकर गए थे. रामानंद सागर से स्क्रिप्ट सुनने के बाद राज कुमार ने अपने घर के पालतू डॉग को बुलाया और उससे पूछा, ‘क्या तुम ये फिल्म करोगे?’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैसे ही राज कुमार ने ऐसा उस डॉग पूछा तो वो इधर-उधर मुंह करने लगा. तब राज कुमार ने रामानंद सागर की तरफ देखते हुए कहा, ‘देखो…मेरा कुत्ता भी इस फिल्म को नहीं करना चाहता, तो मैं कैसे करूं? राज कुमार ने यह बात कह कर रामानंद सागर को काफी बेइज्जत किया था। क्या है इसकी कहानी के पीछे का राज आइए एक नजर डारते है।
दरअसल, ये किस्सा साल 1968 में आई फिल्म ‘आंखें’ से जुड़ा है। इस मूवी में धर्मेंद्र ने लीड रोल प्ले किया था। ये धर्मेंद्र के करियर की सफल फिल्मों में से एक रही है। लेकिन, बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि इस फिल्म के लिए रामानंद सागर की पहली पसंद धर्मेंद्र नहीं बल्कि उनके अजीज मित्र राज कुमार थे। उन्होंने सबसे पहले इसकी कहानी राज कुमार को सुनाई थी। पहले वो उन्हें ही साइन करना चाहते थे लेकिन, राज कुमार का तो स्वैग ही अलग था तो उन्हें वो स्क्रिप्ट पसंद नहीं आई।
खैर, पसंद आना और ना आना अलग बात थी। लेकिन, उन्होंने तो रामानंद सागर की बुरी तरह से बेइज्जती तक कर दी थी। ऐसा कहा जाता है कि दिवंगत अभिनेता ने अपने पालतू कुत्ते को बुलाया और उसके सामने फिल्म की कहानी सुनाने लगे फिर जब इसकी स्टोरी खत्म हुई तो उन्होंने कुत्ते से पूछा कि क्या तुम इस फिल्म को करोगे? इसके बाद राज कुमार ने रामानंद सागर से कहा, ‘देखो मेरा कुत्ता भी इस फिल्म में काम नहीं करना चाहता है।’तो भला मैं कैसे काम कर सकता हूँ।
वहीं, रामानंद सागर को राज कुमार की ये बात बहुत ही बुरी लग गई और वो वहां से चले गए। इसके बाद दोनों ने फिर कभी साथ काम नहीं किया था। साल 1968 में रिलीज हुई इस फिल्म में रामानंद सागर ने धर्मेंद्र को कास्ट किया और ये सिनेमाघरों में हिट रही। फिल्म की हिट के साथ ही धर्मेंद्र का करियर भी चल पड़ा। वो सुपरस्टार बन गए। ये फिल्म उनके करियर की सफल फिल्मों में से एक गिनी जाती है। ये फिल्म धमेन्द्र के लिए मिल का पत्थर साबित हुई।
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