सपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीट अयोध्या की मिल्कीपुर है, क्योंकि फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट को जीतना सपा के लिए बड़ी उपलब्धि है। मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत भी टिकट के दावेदार हैं। सपा ने विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा भाजपा के उम्मीदवारों को देखने के बाद ही करेगी। लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित सपा नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं से इस चुनाव में पूरी मेहनत करने का आह्वान किया है।
सीसामऊ (कानपुर) की सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा मिलने के कारण खाली हुई है, जबकि अन्य नौ सीटें विधायकों के सांसद बनने के कारण खाली हुई हैं। इनमें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी सीटें सपा के पास थीं, जबकि खैर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट भाजपा के पास थीं। मझवा निषाद पार्टी के पास और मीरापुर रालोद के पास थीं। करहल सीट अखिलेश यादव के सांसद बनने से खाली हुई है और यहां से तेज प्रताप सिंह यादव को उम्मीदवार बनाने की संभावना है।
मिल्कीपुर सीट पर अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत के बजाय किसी अन्य को टिकट देने पर विचार किया जा रहा है, ताकि अवधेश की जीत से बने माहौल को कोई नुकसान न पहुंचे। कटेहरी सीट लालजी वर्मा के सांसद बनने से खाली हुई है, और यहां उनकी बेटी छाया वर्मा को टिकट मिलने की संभावना है। सीसामऊ से इरफान सोलंकी के परिवार के किसी सदस्य को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। कुंदरकी से तुर्क मुस्लिम को टिकट देना लगभग तय है।
भाजपा के उम्मीदवारों को देखकर सपा अपने जातिगत समीकरणों का आकलन करेगी और उसी आधार पर रणनीति बनाएगी। मीरापुर (मुजफ्फरनगर) सीट पर मुस्लिम, गुर्जर और जाट उम्मीदवारों के नाम पर विचार हो रहा है। खैर (अलीगढ़) में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अच्छा प्रदर्शन कर चुकीं एक नेता के नाम पर विचार हो रहा है। फूलपुर से पटेल या कुशवाहा बिरादरी के उम्मीदवार पर सपा दांव लगाएगी। मझवा (मिर्जापुर) में ब्राह्मण या बिंद बिरादरी के नेता को मौका मिल सकता है, जबकि गाजियाबाद में जाट और दलित समीकरणों पर विचार हो रहा है।
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