भारत समेत दुनियाभर में इंटरनेट सेवा रूकने के कारण एयरलाइंस से बैंक तक माइक्रोसॉफ्ट के उपयोगकर्ताओं को असुविधा का सामना करना पड़ा,किसी को समझ नहीं आ रहा था कि वैश्विक स्तर पर ऐसी समस्या क्यों आ रही है, इसी बीच सोशल मिडिया पर अफवाहों ने जोर पकड़ ली, किसी ने इसे एक साइबर अटैक बताया, तो किसी ने किसी ने इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरूवात कहा।
इंटरनेट में आई दिक्कतों के बाद लोग अपने अपने अलग-अलग विचार बिना किसी आधार के रख रहे है, जिनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नही है, एक शख्स ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “दुनिया एक नापाक ताकत के हमले के अधीन थी।”
एक्स पर एक अन्य यूजर ने लिखा, “तृतीय विश्व युद्ध ज्यादातर एक साइबर युद्ध होगा.” इस घटना ने एक निराधार सिद्धांत को भी जन्म दिया कि विश्व आर्थिक मंच ने एक वैश्विक साइबर हमले की साजिश रची थी, इस सिद्धांत को विश्वसनीय दिखाने के लिए, कई पोस्टों में एक पुराने WEF वीडियो को जोड़ा गया, जिसमें “कोविड जैसे हालात वाले साइबर हमले” की संभावना के बारे में चेतावनी दी गई थी।
जहां सोशल मीडिया पर इंटरनेट डाउन होने को लेकर मिसइंफॉर्मेशन तेजी से फैल रही है, वहीं कुछ सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ने ऐसी खबरें ना देना ही बेहतर समझा, इस घटने से यह भी देखने को मिला कि किसी कैसे किसी घटना को लेकर तेजी से मिसइंफॉर्मेशन फैलती है, जिनपर रोक लगाने बहुत जरूरी है।
इंटरनेट पर आई रूकावट से विशव में उथल-पुथल मच गई, इस गड़बड़ी के कारण एयरलाइंस, बैंक, टीवी चैनल और वित्तीय संस्थान मुख्य रूप से प्रभावित हुए, बता दें कि हाल के वर्षों में सबसे बड़ी घटनाओं में से एक माइक्रोसॉफ्ट विंडोज पर चलने वाले एंटीवायरस प्रोग्राम के खराब सॉफ़्टवेयर अपडेट का परिणाम था।
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