दोस्त इस जद्दोजहद भरी जिन्दगी में हर किसी का सपना होता है अपना एक आलीशान घर होना है । लेकिन क्या आप जानते है अब आप अंतरिक्ष में भी अपनी दुनिया बसा सकते है। जी हाँ दुनिया भर की अंतरिक्ष एंजेंसिंया चांद को लेकर खोज कर रही है। अमेरिका रूस, चीन, जापान और भारत चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक साफ्ट लैंडिंग करवा चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब आप चांद पर रह सकते हैं। हाल ही वैज्ञानिकों को कम से कम 100 मीटर गहराई वाली एक गुफा मिली है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां कोई भी इंसान रह सकता है।
चांद को अब तक आपने नीचे से निहारा होगा, तस्वीरों में देखा होगा. लेकिन अब आप वहां रह भी सकते हैं. चौंकिए मत, वैज्ञानिकों को पहली बार चांद की सतह पर कम से कम 100 मीटर गहराई वाली एक गुफा मिली है. कहा जा रहा है कि यह इंसानों के रहने के लिए आदर्श जगह है. यानी कोई भी इंसान यहां पर आसानी से रह सकता है. यह भूमिगत गुफा चांद की सतह पर मौजूद सैकड़ों गुफाओं में से एक है. आइए देखते है इस पर हमारी एक खास रिपोर्ट
चांद पर रहने लायक गुफा मिली है. इ्न्हें मेयर ट्रांक्विलिटैटिस tranquillitis पिट भी कहते हैं. ये गुफा सी ऑफ ट्रांक्विलिटी में मिली है. ये गुफा 328 फीट गहरी है. इन गड्ढों का तापमान चांद की बाकी सतह से थोड़ा ही बदलता है. ज्यादा अंतर नहीं आता. यहां पर रेडिएशन का असर भी कम है, इसलिए यहां भविष्य में इंसानी बस्ती बनाई जा सकती है.
असल में यह गुफा एक गड्ढे के अंदर है. जो असल में प्राचीन लावा सुरंगें हैं. इटली में यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रेंटो के शोधकर्ता लियोनॉर्डो करेर ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह खुलासा किया है. उन्होंने NASA के लूनर रीकॉन्सेंस ऑर्बिटर द्वारा 2010 में ली गई तस्वीर और राडार डेटा की स्टडी की.
इन गड्ढों के अंदर 17 डिग्री सेल्सियस तापमान है. यह ऐसा तापमान है जहां इंसान आराम से रह सकता है. काम कर सकता है. यानी भविष्य में ऐसे गड्ढों के अंदर इंसानी बस्तियां बसाना आसान होगा. यह स्टडी हाल ही में नेचर एसट्रोनमी Nature Astronomy जर्नल में प्रकाशित हुई है.
वैज्ञानिक इस बात पर हैरान हैं कि चंद्रमा के अन्य इलाकों के गड्ढों से ये गड्ढे एकदम अलग हैं. चांद पर दिन दो हफ्ते लंबा होता है. यहां पर तापमान इतना ज्यादा हो सकता है कि धरती पर पानी उबल जाए. ऐसे में इन गड्ढों में रहने लायक स्थितियों का होना अच्छी खबर मानी जा रही है. वैज्ञानिकों को लूनर पिट्स यानी चांद के गड्ढे बेहद हैरान कर रहे हैं.
नोआ पेट्रो ने बताया कि लूनर पिट्स की खोज पहली बार साल 2009 में हुई थी. गड्ढे अलग होते हैं और ये पिट्स अलग. गड्ढे छिछले हो सकते हैं लेकिन पिट्स वर्टिकली सीधी गहराई वाले होते हैं. अब तो इनके अंदर सुंरंगे और गुफाएं भी मिल गई हैं. यानी चांद पर गुफाओं में रहेगा इंसान.
अगर इनके अंदर जाने का रास्ता मिले तो एस्ट्रोनॉट्स अपने रहने की जगह का निर्माण कर सकते हैं. क्योंकि यहां पर सोलर रेडिएशन, घटते-बढ़ते तापमान और छोटे उल्कापिंडों के टकराने का डर नहीं रहता. ये चांद की सतह से ज्यादा सुरक्षित होते हैं.
चांद पर हो सकता है इंसानों को इन पिट्स जैसे गुफाओं में रहना पड़े. इसमें कोई बुराई भी नहीं है, क्योंकि इंसानों के पूर्वज गुफाओं में रहते थे. अगर सबकुछ सही रहता है तो अगले कुछ वर्षों में इंसान चांद की सतह पर लौटेंगे. वहां अपनी कॉलोनी बनाएंगे. ये लूनर पिट्स उनकी सुरक्षित कॉलोनी बनाने का सपना पूरा करने में मदद कर सकते हैं.
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