18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से ही शुरू हो गया है. सत्र के पहले दो दिन चुने गए सासंद अपने पद की शपथ लेंगे, जिसके बाद से वे आधिकारिक रुप ये सांसद कहलाएंगे…
18वीं लोकसभा के पहले सत्र आगाज हो चुका है. पहले और दूसरे दिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में चुने गए सासंद अपने पद की शपथ लेंगे, जिसके बाद से वे सदन के आधिकारिक सदस्य बन जाएंगे. कई सांसद ऐसे हैं, जो पहली बार सासंद पद की शपथ लेंगे. सांसद बनने के साथ ही जन प्रतिनिधियों को सासंद को मिलने वाली सुविधाएं मिलने लग जाएगी और वो आम से खास लोगों की गिनती में आ जाएंगे. देश में सांसदों को सरकार की तरफ से क्या सुविधाएं मुफ्त में मिलती हैं? आइए जानते है इस खास रिपोर्ट में….
शपथ लेने के साथ ही सांसदों को राजधानी दिल्ली में सरकारी बंगला अलॉट होने का काम भी शुरू हो जाता है। सभी नए सांसदों को नई दिल्ली एरिया में एक सरकारी आवास दिया जाता है। इस बंगले में सभी सुविधाएं जैसे कुक, सिक्योरिटी भी मिलती हैं। सांसदों के आवास में उनका ऑफिस भी होता है, जहां वे अपने सरकारी कामों का निपटारा करते हैं। अपने सरकारी बंगले में सांसद परिवार के साथ रह सकते हैं।
जानकारी के अनुसार सांसदों को एक लाख रुपये महीना वेतन मिलता है। इसके अलावा आवास पर मीटिंग के लिए 2000 रुपये दिन के हिसाब से अतिरिक्त अलाउंस के रूप में मिलते हैं। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सांसदों को 20 हजार रुपये भत्ता, 4000 रुपये लेखन सामग्री के लिए, 2000 रुपये पत्रों के लिए। कुल मिलाकर सांसद को सैलरी में 1 लाख रुपये, निर्वाचन क्षेत्र के लिए करीब 70 हजार भत्ता, कार्यालय खर्च के लिए करीब 60 हजार रुपये और दैनिक भत्ता मिलता है। इसके साथ ही रिटायर होने के बाद सांसदों को पेंशन भी दी जाती है।
सांसदों को देश भर में हवाई, रेल और सड़क यात्रा के लिए मुफ्त यात्रा पास दिए जाते हैं। यह पास उन्हें सरकारी और निजी कामों के लिए यात्रा में सहायता करते हैं। इसके अलावा सांसदों को सड़क यात्रा के दौरान टोल प्लाजा पर टोल फ्री यात्रा की सुविधा दी जाती है। टोल में छूट के लिए हर सांसद को दो फास्टैग दिए जाते हैं। दिल्ली में सरकारी कामकाज के लिए सांसदों को वाहन सुविधा दी जाती है।
सांसदों को मुफ्त टेलीफोन और इंटरनेट की सुविधा दी जाती है। यह सुविधा उन्हें अपने क्षेत्र और देश भर में संचार बनाए रखने में मदद करती है।
सांसदों और उनके परिवार के सदस्यों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। यह सुविधा एम्स (AIIMS) और सफदरजंग अस्पताल जैसे प्रतिष्ठित सरकारी अस्पतालों में भी उपलब्ध है। अगर सांसद को किसी प्राइवेट अस्पताल में रेफर किया जाता है, तो भी इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करती है।
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