कहते हैं…. कोर्ट कचहरी के चक्कर में नहीं पड़ना… वरना चक्कर लगाते हुए जूते चप्पल घिस जाएंगे… ये कहावत ऐसी ही नहीं बनी… अगर हम अदालतों में चल रहे.. मुकदमों पर नजर डालें… तो इस कहावत की सच्चाई का अंजादा खुद-ब-खुद लग जाता है…
लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जो जानकारी दी है…. वो वास्तव में विचार करने लायक है… उन्होंने बताया है कि… देश की अदालतों में 5 करोड़ से ज्यादा केस पेंडिंग पड़े हैं… ये जानकारी कानून मंत्री ने 15 दिसंबर को दी है… इस तरह देखा जाए है… तो एक फिल्म का डॉयलॉग भी सटीक बैठता है… कि.. तारिख पर तारिख मिलती है… लेकिन इंसाफ… सही में इन पेंडिंग केस को देखकर तो येही लगता है…वहीं एक और आंकड़ा सामने आया है.. जो बताता है… कि.. अदालतों में जजों की संख्या का आंकड़ा भी बेहद खराब है…. आइए जानते हैं … कुछ और तथ्य…
देश में 5 करोड़ से ज्यादा केस पेंडिंग
संसद में मंत्री जी ने दी पूरी डिटेल
अदालतों में कुल 5,08,85,856 पेंडिंग केस
लंबित मामलों में से 80 हजार सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग
अदालतों में जजों की संख्या का आंकड़ा और भी ‘खराब’
ज्यूडीशियरी में कुल 26 हजार 568 जज
कई बार पीढ़ियां गुजर जाती हैं.. इंसाफ मिलने में… ये बात 16 आने सच है.. हमारे देश में इंसाफ के लि ए… कई बार कानूनी लड़ाई हद से ज्यादा लंबी हो जाती है.. इस गवाई दे रहे हैं ये आंकड़े…. ये जानकारी कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में दी है.. उन्होंने बताया कि… कुल 5,08,85,856 लंबित मामलों में से 80 हजार सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं. इसके अलावा 61 लाख से अधिक मामले देश की 25 हाई कोर्ट के स्तर पर पेंडिंग हैं…. केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि देश के सभी राज्यों में जिला और ट्रिब्यूनल के स्तर पर मिलाकर 4.46 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं….
वहीं देश में जजों की नियुक्ति को लेकर भी स्थिति खास अच्छी नहीं … बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अब तक 201 न्यायाधीशों की रिक्तियां भरने की अनुशंसा नहीं की… इसके अलावा न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा भेजे गए 123 प्रस्तावों में से 81 सरकार के स्तर पर प्रक्रिया के विभिन्न चरण में हैं… शेष 42 प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम के विचाराधीन हैं… 201 रिक्तियां कॉलेजियम द्वारा भेजे गए 123 नामों से अलग हैं… जिनके संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम से सिफारिशें अभी नहीं मिली हैं… लोकसभा में अर्जुन राम मेघवाल ने यह भी कहा कि भारतीय न्यायपालिका में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 26 हजार 568 है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की फुल स्ट्रेंथ 34 है। वहीं, हाईकोर्ट्स में जजों की संख्या 1,114 है। जिला और अधीनस्थ अदालतों में ज जों की स्वीकृत संख्या 25,420 है..लोकसभा में बोलते हुए कानून मंत्री ने बताया कि साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी मामलों की सुनवाई की। इनमें कुल 1 लाख 82 हजार से ज्यादा का निपटारा हुआ…
बतादें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश की अदालतों में लंबित पड़े मामलों को लेकर अहम टिप्पणी की है…कोर्ट ने कहा कि पेंडिंग केस को जल्द से जल्द निपटाने के लिए प्रो-एक्टिव होने की जरूरत है… देश में 6% आबादी मुकदमेबाजी से प्रभावित है.. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 20 अक्टूबर को कई अहम निर्देश जारी किए थे…
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