तीन राज्यो में हार के बाद अब कांग्रेस सदमे हैं… हाल में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे.. जिसमें तीन राज्यों में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली,.. लेकिन कांग्रेस तीनों राज्यों में कुछ नहीं कर पाई… जिसको लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व खफा है…
तो कांग्रेस की हार और बीजेपी की जीत… ये कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को पसंद नहीं आ रही है… औऱ कांग्रेस सदमे में हैं… बतादें कि… भारतीय जनता पार्टी ने हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों में प्रचंड जीत दर्ज की थी… इसके बाद बीजेपी ने तीनों प्रदेशों में नए चेहरे को कमान सौंप दी है… वहीं इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी को करारी हार मिली है… जिसको देखते हुए कांग्रेस ने भी कई राज्यों में अपनी लीडरशीप में बड़े बदलाव किए हैं.. आलाकमान ने इस बार युवाओं को ज्यादा तवज्जो दिया है ताकि डूबती हुई पार्टी को इन राज्यों में पार लगाया जा सके।
तीन राज्यों में हार से कांग्रेस नाराज
बीजेपी के नक्शे कदम पर कांग्रेस
नाथ के बाद अब गहलोत की बारी
युवाओं को कमान सौंपनी के तैयारी
हार को देखते हुए कांग्रेस ने बदलाव करने की सोच ली है.. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी कांग्रेस ने ये कमान युवा बिग्रेड के हाथों में सौंपी है… कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ से कमान लेकर जीतू पटवारी को सौंप दी है… पटवारी अब एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं.. वहीं पूर्व राज्य मंत्री उमंग सिंघार को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है… जबकि हेमंत कटारे को विधानसभा का उपनेता प्रतिपक्ष चुना गया है.. बता दें कि, जीतू पटवारी OBC समाज से आते हैं, जबकि उमंग सिंघार आदिवासी समाज से हैं, वहीं हेमंत ब्राह्मण समाज से हैं… कांग्रेस ने इस बार तीनों समुदायों को साधते हुए ये फैसला किया है।
छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस ने बड़े फैसले लिए हैं… कांग्रेस ने दिग्गज नेता चरण दास महंत को नेता प्रतिपक्ष के लिए चुना है… लेकिन पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कोई बदलाव नहीं किया है.;.. दीपक बैज ही फिलहाल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं…. कांग्रेस पार्टी को यहां उम्मीद थी कि बघेल की सरकार फिर से आएगी लेकिन बीजेपी ने मात देते हुए छत्तीसगढ़ की सत्ता अपने हाथों में ले ली… प्रदेश में बदलाव करते हुए कांग्रेस भी जातिय संतुलन साधने की कोशिश कर रही है।
vo3- कांग्रेस का मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बदलाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं…. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि, इन प्रदेशों में पुराने नेताओं का भविष्य क्या होगा? ये अब सोचने वाली बात है… 14 दिसंबर को छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मैं राजनीति से अभी रिटायर नहीं होने वाला हूं…. हालांकि, ऐसी खबरें हैं कि आलाकमान फिलहाल कमलनाथ को कोई पद देना नहीं चाहती क्योंकि हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार बेहद ही निराशाजनक हुई हैं। जिससे पार्टी के दिग्गज नेता अभी भी उभर नहीं पाए हैं।
वहीं एमपी के ही दिग्गज नेता और दो बार के सीएम रहे दिग्विजय सिंह को पार्टी कोई बड़ा पद नहीं देगी… उन्हें राज्यसभा में कांग्रेस रखने वाली है….. बता दें कि, कांग्रेस ने एमपी का चुनाव का पूरा कार्यभार सिंह और नाथ के कंधों पर ही दे दिया था लेकिन इन दोनों नेताओं के नेतृत्व में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया। वहीं छत्तीसगढ़ को लेकर कांग्रेस आलाकमान भूपेश बघेल से नाराज है। राजस्थान में भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जगह अब पार्टी युवा चेहरों को आगे ला सकती है। पार्टी राजस्थान में भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी का चीफ बदलने की तैयारी में है…
अब हार के बाद कांग्रेस अपनी कमान युवाओं को देने के मूड में है,.. जिससे कांग्रेस की नैया आने वाले चुनाव में पार लग सके…
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