आतंकियों की तलाश में रियासी और राजोरी के जंगलों में ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और राज्य जांच एजेंसी की टीमों ने सोमवार को घटनास्थल से महत्वपूर्ण सबूत जुटाए। शिवखोड़ी धाम से लौट रही श्रद्धालुओं से भरी बस पर हुए हमले में लश्कर-ए-ताइबा के तीन पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे। इस हमले में लश्कर कमांडर अबु हमजा के भी शामिल होने का संदेह है। आतंकियों ने इस हमले में अमेरिकी एम-4 राइफल का इस्तेमाल किया था, जो उनकी उन्नत हथियारों तक पहुंच को दर्शाता है।
जांच अधिकारियों ने बताया कि बस में सवार श्रद्धालुओं और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार, चौथा आतंकी भी घटनास्थल पर मौजूद था और हमलावरों को कवर दे रहा था। इससे स्पष्ट होता है कि हमले की योजना अच्छी तरह से बनाई गई थी और इसके पीछे का मकसद गंभीर था। अधिकारियों को आशंका है कि आतंकी रियासी और राजोरी से सटे जंगलों की ऊंची पहाड़ियों पर गुफाओं में छिपे हो सकते हैं। इस कारण इन इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।
समूचा सुरक्षा तंत्र सतर्क है और आतंकियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
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