ज के दौर में हर धर्म के लोग शोक व्यक्त करने के लिए RIP शब्द का इस्तेमाल करते हैं। अब ये शब्द न सिर्फ़ ग्लोबल हो गया है बल्कि मीम और पॉप कल्चर में भी इसका ख़ूब उपयोग होने लगा है। ज़ाहिर है आपने भी कभी न कभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #rip लिख का किसी न किसी के लिए शोक ज़रूर व्यक्त किया होगा, पर इस्तेमाल करने से पहले क्या कभी आपके इसका मतलब या इसकी रूट्स को जानने के बारे में सोचा है? अगर नही तो इस आर्टिकल को पूरा ज़रूर पढ़िएगा
इस लेख के ज़रिए हम आपको बताएंगे की कैसे इस शॉर्ट फॉर्म की उत्पत्ति हुई और आज कल ये क्यों ट्रेंड में है।
आइए जानते है
RIP क्यों लिखते हैं?
RIP दरअसल एक Acronym है जिसका Full-Form होता है – Rest In Peace। अगर आप अंजाने में ये सोचते आये हैं कि ये RIP अंग्रेजी का ‘Rip’ शब्द है, जिसका अर्थ ‘काटना’ होता है तो आप ग़लत हैं। पारंपरिक ईसाई सेवाओं और प्रार्थनाओं में RIP शब्द का इस्तेमाल किसी दिवंगत व्यक्ति की आत्मा की आराम और शांति की कामना के लिए होता आया है। 18वीं शताब्दी में मृतकों की कब्र पर रखे जाने वाले पत्थर पर RIP लिखवाना आम चलन बन गया था, जो आज भी जारी है। ये लैटिन Phrase Requiescat In Pace से आया है, जिसका अर्थ होता है – शांति से सोना, और इस संदर्भ में – आत्मा को शांति मिले।
कैसे हुई RIP लिखने की शुरुआत?
पहले-पहल 5वीं शताब्दी में कब्रों पर RIP या Requiescat In Pace शब्द के उल्लेख मिलते हैं। शुरुआत में इसका अर्थ ये होता था कि कोई व्यक्ति चर्च की शांति में स्वर्ग सिधार गया है और एक दिन जीसस क्राइस्ट से उसकी आत्मा का मिलान होगा। RIP एक प्रार्थनापूर्ण अनुरोध है कि मृत व्यक्ति की आत्मा को परलोक में शांति मिले। ये उस ईसाई धारणा से जुड़ा है जिसके मुताबिक़ मृत्यु पर आत्मा शरीर से अलग हो जाती है, लेकिन ये आत्मा और शरीर Judgment Day के दिन फिर से मिल जाएंगे।
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