केदारनाथ धाम के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा… लेकिन क्या आपको पता है.. बाबा के केदारनाथ एक मंदिर दिल्ली में भी बन रहा है… जिसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं.. पर कुछ साधु-संत नाराज हैं. . जानते हैं क्यों…
आपने चार धाम और 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ धाम के बारे में ज़रूर सुना होगा. बहुत सारे लोग वहां गए भी होंगे लेकिन अब बाबा केदारनाथ के मंदिर का एक और पता बनने वाला है. वो है दिल्ली के बुराड़ी में, सही पढ़ा आपने. दिल्ली में भी अब एक केदारनाथ मंदिर तैयार किया जा रहा है जिसे लेकर उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों और साधु संतों में जबरदस्त नाराजगी है.
बात अब हिंदुओं की परंपराओं और मान्यताओं से आगे निकलकर सियासत तक पहुंच गई है… दिल्ली के बुराड़ी इलाके में जो केदारनाथ मंदिर तैयार हो रहा है उसके ट्रस्ट का नाम है – श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी….. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि इस मंदिर का शिलान्यास कुछ दिन पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ही किया है….
अब उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहित और साधु संत बाबा केदारनाथ के नाम पर बनाए जा रहे एक और मंदिर को हिंदुओं की परंपरा से छेड़छाड़ बता रहे हैं. चेतावनी दे रहे हैं कि ये बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस पूरे विवाद से श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने खुद को अलग कर लिया है. उसका कहना है कि दिल्ली के केदारनाथ मंदिर से ना तो उसका कोई लेना देना है और ना ही राज्य सरकार का है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का तर्क है कि दिल्ली में मंदिर की सिर्फ प्रतिकृति तैयार हो रही है. बाबा का असली धाम उत्तराखंड में ही है और वहीं रहेगा. जबकि दिल्ली में इस मंदिर को तैयार करवा रहे श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट के अनुसार बुराड़ी में सिर्फ केदारनाथ मंदिर बन रहा है धाम नहीं. यानी सबके अपने अपने तर्क है, लेकिन केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदार घाटी तक लोगों में जबरदस्त गुस्सा है.
साधु संतो का कहना है कि बाबा केदारनाथ के नाम पर दूसरा मंदिर तैयार करना आस्था के साथ खिलवाड़ है. केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि हिन्दू परंपराओं के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा है कि दिल्ली में बनने वाले मंदिर से कोई लेना देना नहीं है.
मंदिर तैयार करने वाले लोगों का तर्क ये भी है कि केदारनाथ धाम के कपाट 6 महीने बंद रहते हैं. इसीलिए भक्तों को उन दिनों में भी बाबा केदारनाथ के दर्शन करने का अवसर मिलेगा. मामला ने उस वक्त तूल पकड़ा जब आयोजन समिति ने एक आमंत्रण पत्र जारी किया. इसमें डोनेशन के लिए एक क्यूआर कोड भी लगाया गया है. इस कोड पर डोनेशन भेजने पर खाता केदारनाथ धाम के नाम पर दिखाई देता है. उसमें भगवान शिव और केदारनाथ मंदिर की तस्वीर हैं. वहीं नीचे की ओर सुरेंद्र रौतेला की भी तस्वीर लगी है. जो केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली के फाउंडर और राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों हैं…
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