जापान सागर, लद्दाख और दक्षिण चीन सागर में दादागिरी दिखा रहे चीन पर नकेल कसने के लिए अमेरिका ने बड़े प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है… अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऐलान किया है कि जापान और फिलीपीन्स की रक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता ‘फौलादी’ बनी रहेगी।
बाइडन ने जापान के पीएम फूमियो किशिदा और फिलीपीन्स के राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर का वाइट हाउस में स्वागत किया… इन दोनों ही देशों के साथ इन दिनों चीन का क्षेत्रीय तनाव भड़का हुआ है… इस बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और बाइडन के करीबी जैक सुलिवन अगले हफ्ते भारत आ रहे हैं.. और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ करीबी रिश्ते को लेकर बातचीत करेंगे…ताकि इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षा पर लगाम कसी जा सके…
मार्कोस और किशिदा के साथ मुलाकात के बाद बाइडन ने कहा, ‘अगर एक होकर खड़े रहेंगे… तो सभी के लिए अच्छे भविष्य को बना सकेंगे।’… फिलीपींस और जापान का इन दिनों चीन के साथ सीमा विवाद काफी बढ़ा हुआ है… फिलीपीन्स और चीन के बीच तनाव की वजह सेकंड थॉमस शोअल द्वीप को लेकर है… जो फिलीपीन्स के द्वीप पलवान से 200 किमी की दूरी पर है… इस द्वीप पर अपना दावा बरकरार रखने के लिए फिलीपीन्स ने यहां एक ट्रांसपोर्ट शिप को 1990 के दशक में तैनात किया था… इस पर फिलीपीन्स सैनिक तैनात हैं जिसका चीन विरोध करता है… चीन इसे अपना इलाका बताता है। इसको लेकर तनाव काफी बढ़ा हुआ है।
वाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि सुलिवन भारतीय नेताओं के साथ बातचीत करेंगे और टेक्नॉलजी पर सहयोग को लेकर चर्चा होगी। हालांकि उन्होंने माना कि पिछले समय में दोनों देशों के बीच अनिश्चितता बनी हुई थी। अधिकारी ने कहा कि भारत और अमेरिका संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह सहयोग सुरक्षा, खुफिया मामले, तकनीक और दोनों देशों के लोगों के बीच रिश्तों में हो रहा है। अमेरिका भारत, जापान और फिलीपीन्स की मदद से चीन पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका भारत को हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक ऐसे देश के रूप में देखता है जो क्षेत्र में स्थिरता ला सकता है।
अमेरिका और भारत के बीच अब अगला कदम तकनीक में सहयोग करने को लेकर है… अमेरिकी कंपनियां चीन का विकल्प तलाश रही हैं और ऐप्पल जैसी कंपनियों ने यहां बड़े पैमाने पर प्रॉडक्शन शुरू किया है।
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