दास्तान-ए-मुख्तार अंसारी ?
ऐंठी मूंछें, ऊंचा कद, साफ कपड़े, हंसता तो खुलकर, दहाड़ता तो बड़े-बड़े कांप जाते, चलने में ठसक नहीं अकड़ होती, ...
ऐंठी मूंछें, ऊंचा कद, साफ कपड़े, हंसता तो खुलकर, दहाड़ता तो बड़े-बड़े कांप जाते, चलने में ठसक नहीं अकड़ होती, ...