यूपी में शानदार जीत दर्ज करने के बाद अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़कर राष्ट्रीय राजनीति पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे. बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यूपी में 37 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है.
अखिलेश यादव ने शनिवार को जीते हुए सभी सांसदों के साथ लखनऊ के पार्टी मुख्यालय में एक मीटिंग रखी थी…. जिसमें अखिलेश यादव के अगले कदम को लेकर भी फैसला होना था…. अखिलेश यादव प्रदेश की राजनीति में विपक्ष का नेतृत्व करेंगे या फिर दिल्ली जाएंगे इसको लेकर बड़ी खबर सामने आई है….
सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट (मैनपुरी) छोड़ सकते हैं और फिलहाल केंद्रीय राजनीति पर ध्यान केंद्रित करेंगे. समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. अखिलेश के सीट छोड़ने के बाद तेज प्रताप यादव करहल से प्रबल दावेदार होंगे. तेज प्रताप पहले मुलायम सिंह और इस चुनाव में डिंपल यादव के साथ मैनपुरी में प्रचार कर चुके हैं. वह मैनपुरी से पूर्व सांसद थे.
शनिवार को पार्टी मुख्यालय में सभी नए सांसद एक मजबूत विपक्ष के रूप में अपने-अपने क्षेत्र में कैसे काम करेंगे और जनता के मुद्दों को सड़क से संसद तक कैसे ले जायेंगे, इस पर भी रणनीति बनी. . अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से इस बार लोकसभा का चुनाव जीता है.
मीटिंग के दौरान अखिलेश यादव ने कहा, समाजवादी पार्टी के सभी जीते हुए सांसदों से मुलाकात हुई, सबने इस तपती धूप में काम किया, वहीं भारतीय जनता पार्टी की सरकार में दो सांसद हुए हैं एक वो जिनको सांसद का सर्टिफाकेट मिला दूसरे वो जिनको सर्टिफिकेट नहीं मिला मैं सभी को बधाई देता हूं.
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अखिलेश यादव के दिल्ली की राजनीति में आने के बाद यूपी में नेता प्रतिपक्ष का पद कौन संभालेगा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल यादव को विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है. चूंकि, शिवपाल अब विधायक दल में सबसे वरिष्ठतम सदस्य हैं इसलिए माना जा रहा है कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जा सकता है. फिलहाल, इसपर आखिरी फैसला अखिलेश ही लेंगे.
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