झारखंड में ईडी की छापेमारी में चौकाने वाला मामला सच सामने आया है… यहां पर करोड़ों रुपये का कैश बरामद किया गया है… कहां से आइये आपको बताते हैं…
ईडी ने झारखंड की राजधानी रांची में कई जगहों पर छापेमारी की…. इस दौरान झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री और राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहायक के यहां रेड मारी गई है… ईडी को यहां से भारी मात्रा में नकदी मिली है…. जांच एजेंसी की तरफ से वीरेंद्र राम मामले को लेकर मंत्री आलमगीर आलम पर शिकंजा कसा गया है…..
ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्रालय के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया था…. उसकी गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई थी…. जांच एजेंसी ने कुछ योजनाओं को लागू करने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वीरेंद्र राम के खिलाफ एक्शन लिया था…. एजेंसी ने 2019 में उसके एक सब ऑर्डिनेट से भारी मात्रा में नकदी भी बरामद की थी… बाद में, ईडी ने पीएमएलए के तहत केस को अपने हाथ में ले लिया.
दरअसल, निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण और अन्य टेंडर जारी करने के बदले 3 परसेंट से लेकर 1 परसेंट तक कमिशन लेने की बात कबूल की थी… ईडी ने बाद में वीरेंद्र राम की करोड़ो रूपये की चल-अंचल संपत्ति भी अटैच की थी… जांच एजेंसी को शक है कि पिछले साल झारखंड के ग्रामीण इलाकों की सड़क के निर्माण के लिए 10 हजार करोड़ का भी टेंडर अलॉट किए गए, जिनमें मोटा कमीशन लिया गया…. जांच एजेंसी को शक था कि निलंबन के बावजूद वीरेंद्र राम अभी भी टेंडर रैकेट से जुड़ा था.
वहीं इस मामले में मंभी आलमगीर आलम पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है.. आलमगीर आलम झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. वह पाकुड़ विधानसभा से चार बार विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभाल रहे हैं. वह 2006 से 2009 तक झारखंड विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं. आलमगीर आलम राजनीतिक परिवार से आते हैं. उन्हें विरासत में ही राजनीति मिली है.
ईडी को जानकारी मिली थी कि आलमगीर आलम के मंत्रालय में भ्रष्टाचार चल रहा था…. और ये पैसा नौकरों के घर पर जा रहा था. उसके बाद मंत्री के निजी सचिव के नौकर के यहां छापेमारी की गई. जब ईडी के अधिकारी वहां पहुंचे तो उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि जिस शख्स को सैलरी के रूप में 15 हजार रुपये मिलते हों, उसके घर से इतना कैश बरामद होगा.
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