अब तक आप ने भगवान हनुमान के विभिन्न रूप में प्रतिमा और स्वरूप देखे होंगे। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में भगवान हनुमान की उलटे स्वरूप में प्रतिमा स्थापित है। पौराणिक कथाओं और मान्यता के अनुसार रामायण काल में इसी स्थान से हनुमान जी अपने प्रभु श्रीराम को अहिरावण से बचाने उलटे होकर पाताल लोक गए थे।
इंदौर जिले के सांवेर में है इस्थित
दरसल प्रायः हनुमान जी की खड़े हुए और बैठी हुई मूर्ति तो सभी ने देखी है लेकिन इंदौर जिले के सांवेर में कान्ह नदी के किनारे हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी सिर के बल खड़े होकर भक्तों को दर्शन देकर और भक्तों की मुरादें पूरी कर कष्ट हरते है। पाताल विजय उल्टे हनुमान जी का यह मंदिर इंदौर जिले के सांवेर नगर में स्थित है, जहां देश-विदेश से भक्त हनुमान जी के दर्शन करने के लिए सांवेर के उल्टे हनुमान धाम पहुंचते हैं। चाहे राजनीति हो या अन्य कोई आयोजन क्षेत्र के हर शुभ कार्य की शुरुआत इसी मंदिर में माथा टेक कर करते हैं।
हनुमान जयंती पर बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
बताया जाता है कि रामायण काल में अहिरावण ने श्रीराम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था। अहिरावण उन्हें बंदी बनाकर अपने पाताल लोक ले गये थे। उस समय हनुमानजी ने पाताल लोक जाकर अहिरावण का वध किया और श्रीराम-लक्ष्मण की रक्षा की थी। इलाके में मान्यता प्रचलित है कि ये वही स्थान है, जहां से हनुमानजी ने पाताल लोक में प्रवेश किया था। इसीलिए यहां उलटे हनुमान की मूर्ति स्थापित है। साथ ही यहां हनुमान जी के साथ-साथ राम दरबार और अलग-अलग भगवानों के मंदिर भी स्थापित है। मंगलवार और शनिवार के दिन यहां देश-विदेश से श्रद्धालु भक्त पहुंचकर बाबा उल्टे हनुमान के दर्शन करने पहुंचते है।
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