देश में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार का आगाज हो गया है. नरेंद्र मोदी ने 9 जून की शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली.
प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 71 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. पीएम मोदी की नई कैबिनेट में नई सोशल इंजीनियरिंग है तो साथ ही राज्यों की सियासत का ध्यान भी… नए वोटर वर्ग के साथ कोर वोटर पर फोकस है तो साइलेंट वोटर मानी जाने वाली महिलाओं का भी सरकार में प्रतिनिधित्व है. किस जाति-वर्ग से कितने मंत्री बनाए गए हैं? आइये जानते हैं…
चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी इंडिया ब्लॉक की रणनीति के केंद्र में रहे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और एसईबीसी को मोदी मंत्रिमंडल में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व दिया गया है… ओबीसी से 27 और एसईबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) से दो, कुल 29 मंत्री इस वर्ग से बनाए गए हैं. गौरतलब है कि एसईबीसी, ओबीसी का ही एक उपवर्ग होता है…. वहीं… बीजेपी का कोर वोटर माने जाने वाले सामान्य वर्ग से 28, अनुसूचित जाति (एससी) से 10 और अनुसूचित जनजाति वर्ग से मोदी सरकार में पांच मंत्री बनाए गए हैं. एक मंत्री इसाई समुदाय से भी बनाया गया है.
मोदी सरकार 3.0 में मंत्रिमंडल के जरिए बीजेपी ने जातीय गणित भी साधा है. बीजेपी का कोर वोटर माने जाने वाले सामान्य वर्ग से 28 मंत्री बनाए गए हैं. जातीय आधार पर देखें तो आठ ब्राह्मणों और तीन राजपूत नेताओं को मंत्री बनाया गया है. भूमिहार, यादव, जाट, कुर्मी, मराठा, वोक्कालिगा वर्ग से मोदी सरकार में दो-दो मंत्री हैं. दो मंत्री सिख समुदाय से भी हैं जिनमें जाट और पंजाबी खत्री शामिल हैं. कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समाज के साथ ही निषाद, लोध जाति और महादलित वर्ग से भी एक चेहरे को मंत्री बनाया गया है. पश्चिम बंगाल के प्रभावशाली मतुआ समाज के साथ ही अहीर, गुर्जर, खटिक, बनिया वर्ग से भी एक-एक नेता मंत्रिमंडल में जगह बनाने में सफल रहे हैं.
Discussion about this post