उत्तर प्रदेश का रायबरेली और अमेठी दोनों ही गांधी परिवार के लिए खास माने जाते हैं… लेकिन इस बार इन दोनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की ओर से सस्पेंस बरकरार है…
अमेठी और रायबरेली सीट से इस बार गांधी परिवार से कोई चुनावी मैदान में उतरेगा या फिर कांग्रेस किसी और को उतारेगी, इसे लेकर कशमकश की स्थिति बनी हुई है… ऐसे में बीजेपी ने अमेठी से स्मृति ईरानी को तो उतार रखा है, लेकिन रायबरेली से अभी कैंडिडेट घोषित नहीं किए हैं. बीजेपी और कांग्रेस में चल रहे शह-मात के बीच बसपा ने रायबरेली सीट से ठाकुर प्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है.
कांग्रेस 2019 में रायबरेली सीट जीतने में सफल रही थी. सोनिया गांधी पांचवीं बार सांसद चुनी गई थीं, लेकिन अब चुनावी राजनीति से दूरी बना ली है. राहुल गांधी पिछला चुनाव अमेठी में स्मृति ईरानी से हार गए थे. राहुल गांधी एक बार फिर से वायनाड सीट से किस्मत आजमा रहे हैं, जहां पर दूसरे चरण में वोटिंग हो रही है. माना जा रहा है कि अब कांग्रेस रायबरे ली और अमेठी सीट को लेकर अपने उम्मीदवार का ऐलान कर सकती है.
पांचवें चरण में रायबरेली और अमेठी सीट पर वोटिंग होनी है, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. ऐसे में कांग्रेस रायबरेली और अमेठी सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करने से पहले दोनों क्षेत्रों के स्थानीय कार्यकर्ताओं को दिल्ली मंथन के लिए बुलाया है.
रायबरेली और अमेठी के स्थानीय नेताओं के साथ मंथन के बाद कांग्रेस दोनों ही सीट पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर कोई फैसला लेगी. हालांकि, कांग्रेस की जिला कमेटी चाहती है कि राहुल और प्रियंका दोनों ही गांधी परिवार की परंपरागत सीटों से चुनावी मैदान में उतरें. ऐसे में कहा जा रहा है कि 26 को वोटिंग के बाद राहुल गांधी और उनकी टीम उत्तर प्रदेश की ओर रुख कर सकती है.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा का गठबंधन है, जबकि बसपा अकेले चुनावी मैदान में है. रायबरेली सीट पर बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया है, जिससे यादव वोटों में बिखराव का खतरा बन गया है. बीएसपी का यादव दांव कांग्रेस के लिए चिंता बढ़ा सकता है क्योंकि इंडिया गठबंधन के चलते यादव वोटर कांग्रेस को मिलने की संभावना थी. रायबरेली लोकसभा की पांच में से चार विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा है. इसके अलावा यादव वोटर अच्छी खासी संख्या में हर सीट पर है.
बसपा के टिकट पर ठाकुर प्रसाद यादव के उतरने से यादव समुदाय के वोटों में बिखराव की संभावना बन गई है. इस वजह से रायबरेली में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है. बीजेपी ने रायबरेली सीट से अभी तक किसी को उम्मीदवार घोषित नहीं किया… इस बार फिर से बीजेपी के टिकट के दावेदारों में दिनेश प्रताप सिंह भी शामिल हैं. इसके अलावा भी कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन बीजेपी को भी कांग्रेस के उम्मीदवार का इंतजार है. देखना है कि रायबरेली और अमेठी सीट से गांधी परिवार क्या चुनाव लड़ेगा या फिर नहीं, इस पर तस्वीर एक-दो दिन में साफ हो जाएगी.
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