भारत के लिए इन दिनों अमेरिका के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं… और वह भारत के आंतरिक मामलों पर बयानबाजी करने से परहेज करता नजर आ रहा है. ये सब भारत के कड़े रुख की वजह से हुआ है.
भारत में ऑस्ट्रेलिया की एक पत्रकार का वीजा न रिन्यू होने से उपजे विवाद पर अमेरिका ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया…. अमेरिका ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी की थी… जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया था.
ऑस्ट्रेलिया की पत्रकार के वीजा मामले को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा.. कि भारत सरकार अपनी वीजा नीति पर बात कर सकती है… यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिस पर मैं यहां से कोई राय दूं…. दरअसल, वह ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डायस के वीजा विवाद पर पाकिस्तान के एक पत्रकार के पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे….
पटेल का कहना है कि मोटे तौर पर हम दुनिया भर के देशों के साथ लोकतंत्र के ढांचे में स्वतंत्र प्रेस की भूमिका के बारे में स्पष्ट हैं…. यही कारण है कि हम यहां आते हैं… और नियमित रूप से प्रश्न लेते हैं… लेकिन मैं इस मामले को भारत के अधिकारियों पर छोड़ता हूं… जो इस पर बात करेंगे. बता दें कि पिछले दिनों ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी ने आरोप लगाया था कि उन्हें भारत ने लोकसभा चुनाव 2024 कवर करने की मंजूरी नहीं दी… जिसके बाद उन्हें देश छोड़ना पड़ गया.
अवनी डायस ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने उनका वीजा नहीं बढ़ाया, जिसके बाद उन्हें 20 अप्रैल को देश छोड़ना पड़ा. इसके चलते वह लोकसभा चुनाव की रिपोर्टिंग नहीं कर सकीं. अवनी के इसी बयान को लेकर अमेरिका से सवाल किया गया था, जिस पर अमेरिका ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया. इससे पहले अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कहा था कि वह इस खबर को लेकर करीबी नजर बनाए हुए है. साथ ही साथ निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया को प्रोत्साहित करता है.
अमेरिका की टिप्पणी पर भारत ने नाराजगी जताई थी और दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उप-प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को तलब कर लिया था और उनसे 40 मिनट तक बातचीत की थी. भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना था कि देश में कुछ कार्रवाइयों को लेकर अमेरिका की टिप्पणियों पर हमने कड़ी आपत्ति जताई है… जिसके बाद अमेरिका लाइन पर आ गया है…
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