अमेरिका ने ईरानी सेना की ओर से अवैध व्यापार और मानवरहित यानों की आपूर्ति करने को लेकर एक दर्जन से अधिक कंपनियों, व्यक्तियों और जहाजों पर बृहस्पतिवार को पाबंदियां लगायीं. इनमें तीन भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं जिन पर पाबंदियां लगाई गई हैं.
अमेरिका ईरान के साथ कारोबार करने वाली एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिका द्वारा जिन कंपनियों पर बैन लगाया है उसमें तीन कंपनियां भारतीय हैं। अमेरिका द्वारा बैन की गई सभी कंपनियों पर आरोप है कि रूस-युक्रेन युद्ध में इन कंपनियों ने रूस की मदद के लिए ईरान की सहायता से ड्रोन भेजे थे। इसको लेकर अमेरिका के ट्रेजरी विभाग के जांच में यह पता चला है कि जिन कंपनियों पर बैन लगाया गया है उन सभी कंपनियों ने ईरान के साथ मिलकर रूस के लिए डील में मदद की थी।
अमेरिका की ओर से यह भी जानकारी दी गई है कि ईरान द्वारा हुए इस डील में सहारा थंडर मुख्य कंपनी थी। इसी कंपनी ने ईरान के ड्रोन्स को अन्य देशों के साथ व्यापार करने में मदद की थी। वहीं इसी सहारा थंडर को सहायता पहुंचाने के आरोप में तीन भारतीय कंपनियों पर बैन लगाया गया है। जिसमें जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड हैं।
इसके साथ ही सहारा थंडर को लेकर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि ये कंपनी ईरानी सैन्य यूनिट की एक बड़ी शिपिंग नेटवर्क वाली कंपनी है। जिसके मदद से ईरान अपने रक्षा और सशस्त्र बल के द्वारा पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, रूस, वेनेजुएला समेत कई देशों में अपने सामानों की बिक्री करता है।
भारत स्थित कंपनी जेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का सहारा थंडर के साथ कुक आइलैंड्स-ध्वजांकित जहाज सीएचईएम के साथ टाइम-चार्टर करार हुआ है। इन कंपनियों का संचालन और प्रबंधन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) द्वारा किया जाता है। अमेरिका की ट्रेजरी डिपार्टमेंट द्वारा बताया गया है कि साल 2022 में सहारा थंडर ने कई जहाजों को सीएचईएम भेजने के लिए उपयोग किया है। वहीं सीएचईएम की सहारा थंडर से संबधित जहाज की सेवाएं ईरान की अर्सांग सेफ ट्रेडिंग कंपनी द्वारा कराई गई हैं।
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